प्याज के दाम बढ़ने ही शुरू हुए थे कि सरकार ने किसानों की आंखों में 'आंसू' ला दिए

प्याज के दाम बढ़ने ही शुरू हुए थे कि सरकार ने किसानों की आंखों में 'आंसू' ला दिए

सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF), नेफेड (NAFED) और केंद्रीय भंडार की ओर से सस्ती दरों पर प्याज की खुदरा बिक्री की शुरुआत की है. इसे लेकर महाराष्ट्र के किसान नाराज हैं. 

प्याज किसानों की आंखों में आंसूप्याज किसानों की आंखों में आंसू
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 04, 2025,
  • Updated Sep 04, 2025, 7:09 PM IST

खेतों में कड़ी मेहनत और मंडी में उपज बेचने के बाद किसान के हाथ में क्या बचता है? ये एक बड़ा मुद्दा है. किसान की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के बीच महाराष्ट्र में प्याज किसानों को अपनी उपज के सही भाव ही नहीं मिल पा रहे हैं. ना चाहते हुए भी खेती की लागत इतनी बढ़ जा रही है कि किसान के हाथ कुछ नहीं लग रहा. इस बीच खुद को किसान हितैषी कहने वाली सरकार भी अगर किसान विरोधी फैसले लेने लगे तो क्या ही कहने. दरअसल, सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF), नेफेड (NAFED) और केंद्रीय भंडार की ओर से सस्ती दरों पर प्याज की खुदरा बिक्री की शुरुआत की है. इसके तहत अब आम लोगों को प्याज मात्र 24 प्रति किलो की रियायती दर पर मिलेगा.

सरकार का निर्णय किसान विरोधी

इस मामले को लेकर महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि जब-जब प्याज के दाम गिरते हैं तब-तब सरकार गायब हो जाती है, लेकिन जैसे ही किसानों को प्याज का थोड़ा दाम मिलने लगता है, तो सरकार बफर स्टॉक खोल देती है या एक्सपोर्ट बैन या एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा देती है. वहीं,  भारत दिघोले ने इस निर्णय को ग्राहक हितैषी और किसान विरोधी बताया. वहीं, इस निर्णय ने मानों किसानों के आखों में आंसू ला दिए हैं.

किसान नहीं निकाल पा रहे हैं लागत

प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि पिछले कई महीनों से महाराष्ट्र की मंडी में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट जारी है. दाम इतने गिर गए हैं कि किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि किसानों को प्याज की खेती करने में लगभग 22 से 25 रुपये की लागत आती है. वहीं, मंडियों में किसानों को उनके उत्पाद का मात्र 6 से 9 रुपये ही मिल रहा है. ऐसे में किसानों को लागत से चार गुणा कम दाम मिल रहा है, जिससे किसान काफी परेशान है.

प्याज उत्पादक संगठन का आरोप

उन्होंने सरकार पर ये भी आरोप लगाया कि प्याज का खुदरा दाम भी अभी उतना नहीं बढ़ा है, लेकिन सरकार ने बफर स्टॉक को खोलकर आम लोगों को सस्ते में प्याज बेचने का फैसला ले लिया है. इसका सीधा असर किसानों की कमाई पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार बफर स्टॉक इसलिए करती है कि जब प्याज की कमी हो या दाम बहुत ज्यादा बढ़ जाए तब लोगों को सस्ते में उपलब्ध करवाया जाए. लेकिन ना तो अभी मंडियों में प्याज की कमी है ना ही दाम में बढ़ोतरी है फिर भी सरकार ने किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए ये किसान विरोधी फैसला लिया है.  

ग्राहकों को मिलेगा सस्ते में प्याज

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF), नेफेड (NAFED) और केंद्रीय भंडार की ओर से तैनात मोबाइल वैनों को हरी झंडी दिखाकर सस्ती दरों पर प्याज की खुदरा बिक्री की शुरुआत की. अब आम लोगों को प्याज 24 प्रति किलो की रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि सरकार द्वारा सस्ती दरों पर आम लोगों के लिए सप्लाई शुरू की जा रही है. प्याज के भंडारण का मुख्य उद्देश्य महंगाई के समय आम लोगों को सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराना है.

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