भारत में मार्केटिंग सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चावल (धान) की सरकारी खरीद ने नया रिकॉर्ड बनाया है. 31 अगस्त तक कुल 545.22 लाख टन चावल खरीदा गया है, जो लगभग 4 प्रतिशत ज्यादा है. जबकि, पिछले साल इसी समय तक यह आंकड़ा 525.22 लाख टन था. वहीं, यानी में खरीद बढ़ने के बाद सरकार अब अतिरिक्त अनाज को बाजार में निकालने की तैयारी कर रही है. खरीद के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल खरीदे गए चावल में लगभग 474 लाख टन खरीफ सीजन से और 71 लाख टन रबी सीजन से आया है.
खरीफ सीजन का लक्ष्य 511.57 लाख टन और रबी का लक्ष्य 73.23 लाख टन रखा गया था. ‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में केंद्र ने दोनों सीजन से मिलाकर 28.26 लाख टन चावल खरीदा है, जो लक्ष्य 28.24 लाख टन से थोड़ा ज्यादा है. तेलंगाना में खरीद पिछले साल के 63.86 लाख टन से बढ़कर 71.25 लाख टन तक पहुंच गई है. रबी सीजन के लिए यहां 15 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था, जिसे किसानों ने पार कर दिया.
आंध्र प्रदेश और ओडिशा से रबी सीजन में 10-10 लाख टन चावल खरीदा गया. इससे दोनों सीजन मिलाकर आंध्र प्रदेश से कुल 25.60 लाख टन और ओडिशा से 50.12 लाख टन चावल केंद्र ने खरीदा. पश्चिम बंगाल से 19.91 लाख टन, बिहार से 26.28 लाख टन, आंध्र प्रदेश से 38.66 लाख टन, मध्य प्रदेश से 29.16 लाख टन, पंजाब से 116.13 लाख टन और हरियाणा से 36.17 लाख टन चावल की खरीद हुई है.
छत्तीसगढ़, जो धान का बड़ा उत्पादक राज्य है, वहां खरीद 31 जनवरी को पूरी हो गई. इस बार केंद्र ने 78 लाख टन चावल खरीदा, जबकि पिछले साल 83 लाख टन की खरीद हुई थी. सरकारी योजनाओं जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए सालाना करीब 410 लाख टन चावल की जरूरत होती है. इसके अलावा 1 अक्टूबर को बफर स्टॉक का मानक 102.5 लाख टन है.
1 अगस्त तक सरकार के पास करीब 380 लाख टन चावल और 213.52 लाख टन धान (लगभग 143 लाख टन चावल के बराबर) का स्टॉक पड़ा था. यही वजह है कि सरप्लस निकालना सरकार के लिए अहम चुनौती बनी हुई है. राज्य सरकार इस बार धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक बोनस देकर खरीद कर रही थी और किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला. 2025-26 के लिए धान का MSP 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल 2,320 रुपये प्रति क्विंटल था.
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त स्टॉक को निकालने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने नए कदम उठाए हैं. अब व्यापारी सीधे डिपो से न्यूनतम 1 टन चावल 2,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद सकते हैं. एक व्यापारी एक बार में 1 से 9 टन तक चावल उठा सकता है. यह योजना उन राज्यों में लागू की गई है, जहां चावल की खपत ज्यादा है.
माना जा रहा है कि इससे बाजार में चावल की सप्लाई बढ़ेगी और खुदरा व्यापारियों तक अनाज आसानी से पहुंचेगा. इसके अलावा सरकार ने 52 लाख टन चावल डिस्टिलरी को इथेनॉल बनाने के लिए बेचने का निर्णय लिया है. इसकी बिक्री नवंबर 2025 से शुरू होगी.
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