हाल ही में, केंद्र सरकार ने प्याज पर से 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटा दिया. इससे किसानों और निर्यातकों ने राहत की सांस ली. किसानों की शिकायत थी कि इस बार प्याज की बंपर उपज हुई है, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक निर्यात की सुविधा मिलनी चाहिए. दूसरी ओर सरकार ने घरेलू मार्केट में प्याज का भाव कम रखने के लिए प्याज पर 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी. हालांकि दाम में कुछ कमी आई, पर किसानों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि उनका माल विदेश में नहीं जा रहा था. अब सरकार से 1 अप्रैल से एक्सपोर्ट ड्यूटी जीरो कर दी है. ऐसे में आइए जानते हैं देश की अन्य मंडियों में प्याज का क्या भाव चल रहा है.
मंडी | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | मॉडल प्राइस |
भरूच | 600 | 1500 | 1000 |
सूरत | 500 | 2200 | 1350 |
राजकोट | 425 | 1500 | 850 |
पडरा | 1500 | 2000 | 1750 |
आनंद | 1000 | 2000 | 1500 |
वधवान | 1000 | 1500 | 1250 |
कपडवंज | 800 | 1800 | 1300 |
जेतपुर | 455 | 1630 | 955 |
मंडी | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | मॉडल प्राइस |
जलगांव (महाराष्ट्र) | 500 | 1150 | 837 |
कलवन (महाराष्ट्र) | 600 | 695 | 1300 |
उज्जैन (मध्य प्रदेश) | 450 | 1210 | 700 |
बदनावर (मध्य प्रदेश) | 500 | 1200 | 800 |
हुबली (कर्नाकट) | 500 | 2000 | 1300 |
उडुपी (कर्नाकट) | 1500 | 2100 | 1800 |
जोधपुर (राजस्थान) | 500 | 1500 | 1000 |
चुरू (राजस्थान) | 800 | 1000 | 900 |
निर्यात शुल्क हटाने में हुई देरी ने किसानों के लिए मुसिबते खड़ी कर दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों की खेतों में पड़ी प्याज की फसल बिक नहीं पा रही है. इसके कारण किसानों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा, किसान अब विदेशों में प्याज का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार से प्याज निर्यात पर सब्सिडी की भी मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी मेहनत से उगाई गई फसल का सही दाम मिल सके.