निर्यात शुल्क हटाने से लुढ़की प्याज की कीमत, राजकोट मंडी में 425 रुपये पहुंचा दाम

निर्यात शुल्क हटाने से लुढ़की प्याज की कीमत, राजकोट मंडी में 425 रुपये पहुंचा दाम

ओर सरकार ने घरेलू मार्केट में प्याज का भाव कम रखने के लिए प्याज पर 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी. हालांकि दाम में कुछ कमी आई, पर किसानों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि उनका माल विदेश में नहीं जा रहा था. अब सरकार से 1 अप्रैल से एक्सपोर्ट ड्यूटी जीरो कर दी है. ऐसे में आइए जानते हैं देश की अन्य मंडियों में प्याज का क्या भाव चल रहा है.

प्याज की कीमतप्याज की कीमत
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Apr 04, 2025,
  • Updated Apr 04, 2025, 5:39 PM IST

हाल ही में, केंद्र सरकार ने प्याज पर से 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटा दिया. इससे किसानों और निर्यातकों ने राहत की सांस ली. किसानों की शिकायत थी कि इस बार प्याज की बंपर उपज हुई है, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक निर्यात की सुविधा मिलनी चाहिए. दूसरी ओर सरकार ने घरेलू मार्केट में प्याज का भाव कम रखने के लिए प्याज पर 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी. हालांकि दाम में कुछ कमी आई, पर किसानों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि उनका माल विदेश में नहीं जा रहा था. अब सरकार से 1 अप्रैल से एक्सपोर्ट ड्यूटी जीरो कर दी है. ऐसे में आइए जानते हैं देश की अन्य मंडियों में प्याज का क्या भाव चल रहा है.

गुजरात की मंडियों में प्याज का भाव

मंडी न्यूनतम कीमतअधिकतम कीमतमॉडल प्राइस
भरूच60015001000
सूरत50022001350
राजकोट4251500850
पडरा150020001750
आनंद100020001500
वधवान100015001250
कपडवंज80018001300
जेतपुर4551630955

अन्य राज्यों की मंडियों में प्याज का भाव

मंडी न्यूनतम कीमतअधिकतम कीमतमॉडल प्राइस
जलगांव (महाराष्ट्र)5001150837
कलवन (महाराष्ट्र) 6006951300
उज्जैन (मध्य प्रदेश)4501210700
बदनावर (मध्य प्रदेश)5001200800
हुबली (कर्नाकट)50020001300
उडुपी (कर्नाकट)150021001800
जोधपुर (राजस्थान)50015001000
चुरू (राजस्थान)8001000900

निर्यात शुल्क हटाने में हुई देरी का असर

निर्यात शुल्क हटाने में हुई देरी ने किसानों के लिए मुसिबते खड़ी कर दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों की खेतों में पड़ी प्याज की फसल बिक नहीं पा रही है. इसके कारण किसानों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा, किसान अब विदेशों में प्याज का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार से प्याज निर्यात पर सब्सिडी की भी मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी मेहनत से उगाई गई फसल का सही दाम मिल सके. 

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