अब मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, 'मिशन मौसम' के लिए कैबिनट ने दी 2000 करोड़ रुपये की मंजूरी

अब मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, 'मिशन मौसम' के लिए कैबिनट ने दी 2000 करोड़ रुपये की मंजूरी

मिशन मौसम के तहत कैबिनेट ने 2000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस मिशन का उद्देश्य मौसम संबंधी घटनाओं की सटीकता से जानकारी देना है, ताकि उससे निपटने के प्रभावी उपाय किए जा सके और नुकसान से बचा जा सके. 

weather newsweather news
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 12, 2024,
  • Updated Sep 12, 2024, 11:46 AM IST

देशवासियों को अब मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी. सटीक पूर्वानुमान से कृषि समेत अन्य सेक्टर को भी फायदा होगा. मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को और भी मजबूत बनाने के लिए और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के इरादे से केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. मिशन मौसम के तहत कैबिनेट ने 2000 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. इस मिशन का उद्देश्य मौसम संबंधी घटनाओं की सटीक जानकारी देना है, ताकि उससे निपटने के प्रभावी उपाय किए जा सकें और नुकसान से बचा जा सके. 

पहले दो वर्षों के लिए मिशन मौसम का क्रियान्वयन मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तीन प्रमुख संस्थानों भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र की ओर से किया जाएगा. इन संस्थानों को अन्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय , जैसे भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केन्द्र तथा राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी. इस मिशन से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, विमानन, ऊर्जा, जल संसाधन और पर्यटन सहित कई क्षेत्रों को लाभ होगा.

ये भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के लिए एडवाइजरी, अदरक, हल्दी, उड़द-मूंग और सब्जी फसलों के लिए किसान करें ये काम

मिलेगी सटीक जानकारी

मिशन मौसम के तहत समय और स्थान के अनुसार मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी. इससे जलवायु परिवर्तन से संबंधित जानकारी और आकलन करने में मदद मिलेगी. ऐसे सिस्टम विकसित किए जाएंगे जिससे मॉनसून, एक्यूआई के साथ-साथ अत्यधिक गर्मी, ठंड, बारिश, बर्फबारी, ओलावृष्टि, चक्रवात और कोहरे की सटीक जानकारी पहले ही मिल पाएगी. जानकारी पहले से मिल जाने से यह फायदा होगा कि उससे बचाव के लिए पहले से उपाय कर लिए जाएंगे. इससे जानमाल की क्षति नहीं होगी. 

ये भी पढ़ेंः Mushrooms Farming: मशरूम की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए रिसर्च, कीड़ाजड़ी किस्म किसानों की बढ़ाएगी कमाई

इन क्षेत्रों को होगा फायदा

मिशन मौसम को लेकर कैबिनेट की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इसके तहत उन्नत सेंसरों का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन रडार और सैटेलाइट सिस्टम तैनात किए जाएंगे. हाई कैपेसिटी के सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा. सही समय पर लोगों तक सही और वास्तविक जानकारी साझा करने के लिए जीआईएस आधारित ऑटोमेटिक सपोर्टेड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. इस मिशन से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, विमानन, ऊर्जा, जल संसाधन और पर्यटन सहित कई क्षेत्रों को लाभ होगा.

MORE NEWS

Read more!