दानेदार नैनो-NPK फर्टिलाइजर की स्वीकृति के लिए करना होगा और इंतजार, IFFCO को कृषि मंत्रालय इसलिए नहीं दे रहा अप्रूवल

दानेदार नैनो-NPK फर्टिलाइजर की स्वीकृति के लिए करना होगा और इंतजार, IFFCO को कृषि मंत्रालय इसलिए नहीं दे रहा अप्रूवल

IFFCO ने अक्टूबर में अपने नए नैनो-कॉम्प्लेक्स (ग्रैन्युलर) NPK फर्टिलाइज़र के लिए मंज़ूरी मांगी थी, लेकिन अब उसे इंतज़ार करना पड़ सकता है. कृषि मंत्रालय यह तय करेगा कि इस उत्पाद को तीन साल की अस्थायी मंज़ूरी (नवीनीकरण के विकल्प के साथ) दी जाए या उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) के तहत स्थायी लाइसेंस.

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क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Dec 13, 2025,
  • Updated Dec 13, 2025, 11:35 AM IST

इफको (IFFCO) ने अक्टूबर में अपने नए नैनो-कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइजर (ग्रेन्यूल रूप में) NPK फर्टिलाइजर की स्वीकृति के लिए आवेदन किया था. अब IFFCO को इसकी स्वीकृति के लिए तब तक इंतजार करना पड़ सकता है जब तक कृषि मंत्रालय यह तय नहीं कर लेता कि तीन साल के लिए नवीनीकरण विकल्प के साथ अस्थायी अप्रूवल जारी रखना है, या फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के तहत स्थायी लाइसेंस देना है. किसानों ने इस नई टेक्नोलॉजी को अपनाने का विरोध किया है, उन तक इसे पहुंचाने की चुनौती के अलावा, नैनो-फर्टिलाइज़र बनाने वालों को रेगुलेटरी अनिश्चितता का भी सामना करना पड़ रहा है. इसलिए वे स्थायी मंज़ूरी चाहते हैं क्योंकि उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने में बड़ा निवेश किया है.

किसानों को करना होगा लंबा इंतजार

नैनो फर्टिलाइजर बनाने वाली एक कंपनी के टॉप अधिकारी ने बताया कि तीन साल के अप्रूवल वाला सिस्टम खराब है और यह अच्छी बात है कि सरकार को अब यह एहसास हो गया है और वह इसमें बदलाव करना चाहती है. एक अंग्रेजी अखबार 'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट में IFFCO के मैनेजिंग डायरेक्टर के जे पटेल ने कहा कि टेस्ट किए जा चुके हैं और कमर्शियल लॉन्च से पहले कोऑपरेटिव मंज़ूरी का इंतज़ार है. उन्हें उम्मीद है कि किसान नैनो-कॉम्प्लेक्स (दानेदार) का इस्तेमाल या तो रबी 2026 या खरीफ 2027 के दौरान कर पाएंगे.

बोतल की जगह 5-किलो का बैग

लिक्विड (बोतल वाले) नैनो-यूरिया या नैनो-DAP के उलट, नैनो-कॉम्प्लेक्स दानेदार रूप में होगा और 5-किलो का बैग पारंपरिक 50-किलो के कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइज़र बैग के बराबर होगा, जिसमें नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटाश (K) और सल्फर (S) अलग-अलग फसलों की ज़रूरतों के हिसाब से अलग-अलग अनुपात में बंटे होते हैं. कंपनियों ने 2024-25 में 14.97 मिलियन टन (mt) कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइज़र बेचे, जो 2023-24 के 11.68 mt से 28 प्रतिशत ज़्यादा है. एक्सपर्ट्स ने कहा कि अगर नैनो-कॉम्प्लेक्स पारंपरिक कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइज़र जितना ही असरदार हो जाता है, तो इससे फर्टिलाइज़र की खपत काफी कम हो जाएगी और सरकार को इंपोर्ट कम करने और सब्सिडी बचाने में मदद मिलेगी.

इफको के MD ने कहा कि कोऑपरेटिव ने सालाना 29 करोड़ बोतल (हर बोतल 500 ml की) बनाने की क्षमता पहले ही विकसित कर ली है, जबकि वह डिमांड के हिसाब से प्रोडक्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि क्योंकि FY25 में बिक्री सिर्फ 3.5 करोड़ बोतल थी, इसलिए क्षमता का पूरा इस्तेमाल न होने से कोऑपरेटिव के फाइनेंस पर भी असर पड़ा है. लेकिन, पटेल को भरोसा था कि जब किसानों में जागरूकता फैलेगी और गलतफहमियां दूर होंगी, तो नैनो यूरिया और नैनो DAP की बिक्री में काफी बढ़ोतरी होगी.

बिक्री 3.5 करोड़ बोतलों तक पहुंचने की उम्मीद

इफको के MD ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) के साथ मिलकर अगले पांच सालों में भारत भर के अलग-अलग एग्रो क्लाइमेटिक ज़ोन के 25 सेंटरों में नैनो प्रोडक्ट्स की असरदार क्षमता को फिर से टेस्ट करने का हालिया फैसला इस टेक्नोलॉजी को लेकर गलतफहमियों को दूर करने में मदद करेगा. यू. एस. अवस्थी के अनुसार, IFFCO के पूर्व MD ने नैनो फर्टिलाइज़र के रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं पर लगभग ₹2,000 करोड़ खर्च किए हैं. पटेल ने कहा कि हालांकि इस साल नवंबर तक बिक्री 2 करोड़ बोतलों से कम रही है, लेकिन IFFCO को उम्मीद है कि FY26 में बिक्री 3.5 करोड़ बोतलों तक पहुंच जाएगी, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर के बराबर होगी, क्योंकि किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आउटरीच प्रोग्राम को और मज़बूत किया जा रहा है.

जून 2021 में, IFFCO देश की पहली कंपनी थी जिसने नैनो फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी डेवलप की और पारंपरिक यूरिया के विकल्प के तौर पर लिक्विड फॉर्म में नैनो यूरिया लॉन्च किया. अप्रैल 2023 में इसने नैनो-DAP लॉन्च किया था. पटेल ने बताया कि यह 25 से ज़्यादा देशों को नैनो फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट करता है, और साथ ही यह एक जॉइंट वेंचर में ब्राजील में भारत के बाहर अपना पहला नैनो-यूरिया प्लांट भी लगा रहा है.

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