उत्तर प्रदेश के सहारनपुर एसडीएम ऑफिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें जिले के एसडीएम ने किसानों को जेल भेजने की धमकी दी है. दरअसल अपनी मांगों को लेकर किसान सहारनपुर एसडीएम ऑफिस परिसर में बैठकर धरना दे रहे थे. धरना देते समय किसान ऑफिस परिसर में बैठकर हुक्का पी रहे थे. अपने ऑफिस परिसर के अंदर किसानों को हुक्का पीते देख कर एसडीएम साहब को गुस्सा आ गया और गुस्से में उन्होंने धरना दे रहे किसानों को जेल भेजने तक की धमकी दे डाली.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद यह धरना प्रदर्शन पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल जिले के गंगोह ब्लॉक के गांव नागल राजपूत के किसान तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. इस दौरान किसान तहसील परिसर में हुक्का पीते हुए नजर आए, जिससे एसडीएम संगीता राघव ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और चेतावनी दी कि अगर हुक्का नहीं उठाया गया, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया.
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इस मामले को लेकर एसडीएम संगीता राघव का कहना है कि सरकारी कार्यालय के परिसर में हुक्का पीना कानून के खिलाफ है और कई चेतावनियों के बावजूद किसान चार घंटे तक हुक्का पीते रहे. उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे किसानों ने धरना प्रदर्शन को लेकर कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी थी और तहसील परिसर में इस प्रकार का व्यवहार सही नहीं है. इसके बावजूद किसान वहीं बैठकर नारेबाजी करते रहे और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने से मना कर दिया.
एसडीएम संगीता राघव ने यह भी बताया कि यह घटना 7 तारीख की है. जब वह जनसुनवाई कर रही थीं और तभी उन्हें सूचना मिली कि कुछ लोग उनके ऑफिस के बाहर हुक्का पी रहे हैं. इसके बाद वह मौके पर पहुंचीं और देखा कि कुछ लोग वहां बैठकर हुक्का पी रहे थे. उन्होंने उन लोगों को हुक्का हटाने का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद धरने पर बैठे किसान नहीं माने. इस मामले में प्रशासन द्वारा किसान यूनियन के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें पूछा गया है कि बिना पूर्व अनुमति के धरना क्यों किया गया और तहसील परिसर में इस प्रकार का अनुशासनहीन व्यवहार क्यों किया गया.
किसान यूनियन वेलफेयर की राष्ट्रीय अध्यक्ष, रितु सैनी ने एसडीएम संगीता राघव के व्यवहार की कड़ी आलोचना की और कहा कि एसडीएम का संतुलन बिगड़ा हुआ है और उन्हें इलाज की जरूरत है. उनका कहना था कि किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे, लेकिन एसडीएम का व्यवहार किसानों के प्रति अपमानजनक था. ऋतु सैनी ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने उनके खिलाफ दुर्वव्यवहार किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने धरना की पूर्व सूचना तहसील ऑफिस में दी थी, इसके बावजूद अधिकारी का व्यवहार उनके प्रति सही नहीं था.
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वहीं एसडीएम संगीता राघन ने कहा कि यह घटना सात तारीख की है. जब वो एक जनसुनवाई कर रही थी. इस बीच उन्हें उनके कर्मियों ने आकर बताया कि कुछ लोग ऑफिस परिसर में बैठकर हुक्का पी रहे हैं. जब उन्होंने वहां पहुंचकर देखा तो कुछ लोग वहां बैठे हुए थे जो अपने आप के किसान यूनियन का सदस्य बता रहे थे. एसडीएम ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के ही किसान यहां पर धरने पर बैठे थे. ऑफिस परिसर में यह लिखा हुआ है कि वहां पर धु्म्रपान करना सख्त मना है इसके बाद भी किसान वहां पर हुक्का पी रहे थे. मना करने पर उन्होंने हुक्का तो हटा दिया पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद जब उन्हें ज्ञापन देने के लिए कहा गया तो किसानों ने ज्ञापन देने से भी मना कर दिया. इसलिए नोटिस जारी किया गया है.