Rajasthan: ग्रीन टैक्स से सरकार ने कमाए 1024 करोड़ फिर भी दुनिया के प्रदूषित 15 शहरों में हमारे दो शहर

Rajasthan: ग्रीन टैक्स से सरकार ने कमाए 1024 करोड़ फिर भी दुनिया के प्रदूषित 15 शहरों में हमारे दो शहर

राजस्थान सरकार ने बीेते पांच साल में ग्रीन टैक्स से 1024.40 करोड़ रुपये की कमाई की है. जबकि प्रदेश के दो शहर जयपुर और जोधपुर दुनिया के सबसे प्रदूषित 15 शहरों में शामिल हैं. पढ़िए किसान तक की ये खास रिपोर्ट.

ग्रीन टैक्स के रूप में राजस्थान सरकार ने कमाए 1024 करोड़ रुपये. ग्रीन टैक्स के रूप में राजस्थान सरकार ने कमाए 1024 करोड़ रुपये.
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Jul 19, 2023,
  • Updated Jul 19, 2023, 2:11 PM IST

राजस्थान सरकार ने बीते पांच साल में ग्रीन टैक्स के नाम पर 1024 करोड़ रुपये की कमाई की है. यह राशि 2018-19 से साल 2022-23 तक की है. कमाई की कुल राशि 1024.40 करोड़ रुपये है. परिवहन राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह आंकड़े सामने रखे हैं. 

हालांकि आंकड़ों के उलट हकीकत यह है कि राजस्थान के दो शहर जयपुर और जोधपुर दुनिया के सबसे प्रदूषित 15 शहरों में शामिल हैं.  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सालाना रिपोर्ट में यह आंकड़े हर साल सामने आते हैं. हालांकि मंत्री ने विधानसभा में कहा कि पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल से मिली सूचना के अनुसार डव्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में जयपुर, जोधपुर दुनिया के सबसे प्रदूषित 15 शहरों की सूची में शामिल होने के संबंध में अधिकृत सूचना उपलब्ध नहीं है.

बीजेपी विधायक पूनिया के सवाल पर मिली जानकारी 

ओला ने प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक और राजस्थान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि महालेखाकार से मिले आंकडों से मिलान के बाद  तैयार लेखों के अनुसार सरकार को  वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक 1024.4 करोड़ रुपये की राशि ग्रीन टैक्स के रूप में मिली है. 

उन्होंने बताया कि राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि (RTIDF) में राजस्थान मोटरयान कराधान अधिनियम 1951 के तहत एकमुश्त कर एवं अन्य करों पर अधिभार एवं पुराने तथा नए वाहनों पर ग्रीन टैक्स तथा राजस्थान स्टांप अधिनियम के तहत स्टांप डयूटी पर सेस की राशि ली जाती है. 

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इस राशि में से मोटरयान कराधान अधिनियम 1951  के तहत एक मुश्त एवं अन्य करों पर अधिभार की दरों में 11 अक्टूबर 2017 से बढ़ी हुई राशि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को उपलब्ध करवाई जाती है. इस राशि को अलग करने के बाद बचे पैसे को क्रमशः स्वायत्त शासन विभाग और परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के माध्यम से 75: 25 के अनुपात में बांटा जाता है. 

इन विभागों को दिया जाता है ग्रीन टैक्स का पैसा

ग्रीन टैक्स के नाम पर वसूला गया पैसा जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम एवं शहरी बस सेवाओं के साथ-साथ विकास के कामों के लिए दिया जाता है.मंत्री ओला ने कहा कि ग्रीन टैक्स की राशि के खर्च का ब्योरा जिले या क्षेत्र के हिसाब से नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसका उपयोग किस मद में किया गया, यह जानकारी विभाग नहीं रखता. 

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अन्य टैक्सों से भी सरकार की करोड़ों कमाई

ओला ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि साल 2018 से 2023 में निधि(मोटरयान कराधान अधिनियम के तहत प्राप्त सेस ग्रीन टैक्स, स्टांप अधिनियम के तहत प्राप्त सेस की राशि) के तहत वाहनों पर लगाये जाने वाले कर पर अधिभार 969.79 करोड़ रूपये मिला है.

वहीं, वाहनों पर लगाए गए ग्रीन टैक्स 1024.40 करोड़ रुपये और दिसंबर 2022 तक स्टांप अधिनियम के तहत अधिभार 1702.03 करोड़ रुपये मिला है. 
 

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