Rajasthan farmer protest: सरकार के प्रतिनिधि मंडल से मिलने गए किसान, मांगों पर होगी बातचीत

Rajasthan farmer protest: सरकार के प्रतिनिधि मंडल से मिलने गए किसान, मांगों पर होगी बातचीत

किसान महापंचायत की ओर से आज मंगलवार 18 जुलाई को कई मांगों को लेकर एक बड़ी सभा की. इसमें सैंकड़ों की संख्या में किसान शामिल हुए. राज्य सरकार ने किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया है. इस बातचीत में जो कुछ भी बातें होंगी, किसान तक उसे अगली खबर के माध्यम से आपके पास लेकर आएगा.

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Rajasthan farmer protest: सरकार के प्रतिनिधि मंडल से मिलने गए किसान, मांगों पर होगी बातचीतकिसानों ने सर्वसम्मति से नौ प्रस्तावों पर सहमति जताई. फोटो- Madhav Sharma

राजधानी जयपुर में किसान महापंचायत की ओर से आज मंगलवार 18 जुलाई को कई मांगों को लेकर एक बड़ी सभा की. इसमें सैंकड़ों की संख्या में किसान शामिल हुए. धरने के दौरान ही राजस्थान सरकार की ओर से किसान महापंचायत को बातचीत का न्योता मिला. इसके बाद किसानों का 11 सदस्यीय मंडल सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए विधानसभा में पहुंचा है. हालांकि खबर लिखे जाने तक बातचीत शुरू नहीं हुई है. 

धरने के दौरान प्रदेश के अलग-अलग जिलों के किसानों ने फसलों की एमएसपी पर फसल खरीद का कानून बनाने, ईआरसीपी योजना को पूरी तरह लागू करने, नदी से नदी जोड़ने और यमुना जल समझौता सहित कुल नौ प्रस्तावों को पास किया. धरने में बड़ी संख्या में महिला किसान भी शामिल हुईं. 

किसानों की मुख्य मांग- खेत को पानी-फसल को दाम

किसानों ने सभा में नौ मांगों के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से सहमति दी. इसमें कृषि उपज कानूनों में संशोधन कर नीलामी बोली एमएसपी रेट से शुरू करने, प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खरीद केन्द्र बनाने, किसानों की फसल खरीदने के बाद पैसा नहीं चुकाने पर उसकी जिम्मेदारी कृषि उपज मंडी को ठहराने और उसकी वसूली व्यापारियों से करने की मांग शामिल है. 

इसके अलावा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का पूरा बजट एक साथ देने, यमुना जल 1994 के समझौते को लागू करने, शारदा- साबरमती यमुना लिंक परियोजना को सीकर जिले के गढ़ तकनेट लाकर 4 जिलों की 49 विधानसभाओं तक पानी पहुंचाया जाने की मांग का प्रस्ताव किसानों ने पास किया. 

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साथ ही अन्य मांगों में बीमा योजनाओं का प्रीमियम किसानों के खाते से बिना जानकारी के काटने पर रोक लगाने, प्राकृतिक आपदाओं में जितना नुकसान-उतनी भरपाई और न्यूनतम समर्थन मूल्यों को मूल्य सूचकांक से जोड़ने की मांग वाला प्रस्ताव किसानों ने सभा में पास किया. 

सुबह 11.30 बजे से किसानों का आना शुरू हुआ, चार बजे तक चली सभा

किसान महापंचायत के विधानसभा घेराव कार्यक्रम में जयपुर के बाइस गोदाम के पास सभा रखी गई थी. सुबह करीब 11.30 बजे से यहां किसानों का आना शुरू हुआ. 12.30 बजे तक सभा स्थल पर सैंकड़ों किसान इकठ्ठा हो गए. करीब एक हजार की संख्या में यहां किसान आए.

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टोंक, नागौर, बीकानेर, बाड़मेर, करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर जिलों से किसान बसों और जीपों से जयपुर पहुंचे. पूर्वी राजस्थान से आए किसानों ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की अपनी मांग को दोहराया और सरकार से इसे बजट देने की मांग की. साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की भी मांग दोहराई. 

MSP खरीद पर गारंटी का कानून बनाने पर ही किसान वोट करेगा

इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में किसान राजनीतिक रूप से भी लामबंद हो रहे हैं. सभा में किसानों ने राजनीतिक एकजुटता भी दिखाई. कहा कि जो किसानों की मांगों को पूरा करेगा, किसान उसे ही वोट देंगे. साथ ही हमारी सबसे बड़ी मांग एमएसपी खरीद पर गारंटी का कानून बनाने और ईआरसीपी का बजट एक साथ देने वाली पार्टी के पक्ष में ही किसान रहेगा.

किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसान तक से कहा, "राजस्थान में साल 2018 में  अधिनियमन का प्रारूप तैयार किया हुआ है. ऐसे में दोनों ही सत्तारूढ़ दलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने का मौका है. जो भी दल इस पर काम करेगा, किसान उसी के साथ रहेगा."

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