Cotton Trade: भारतीय कपास निगम ने थोक छूट योजना में बेचीं 15 लाख गांठें, 12 लाख गांठों से भी कम बचा स्टॉक

Cotton Trade: भारतीय कपास निगम ने थोक छूट योजना में बेचीं 15 लाख गांठें, 12 लाख गांठों से भी कम बचा स्टॉक

CCI ने पिछले 15 दिन में थोक छूट योजना के तहत 15 लाख गांठों से अधिक कपास बेची हैं. मगर 1 सितंबर से शुरू हुई यह थोक छूट योजना बीते सोमवार को खत्म हो गई. बता दें कि इस योजना के शुरू होने से पहले भारतीय कपास निगम के पास 27 लाख गांठों का स्टॉक था.

सीसीआई ने कहा कि यार्ड में आई पूरी उपज वह खरीदेगा. सीसीआई ने कहा कि यार्ड में आई पूरी उपज वह खरीदेगा.
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Sep 16, 2025,
  • Updated Sep 16, 2025, 11:18 AM IST

भारतीय कपास निगम (CCI) ने पिछले एक पखवाड़े में थोक छूट योजना के तहत 15 लाख गांठों (प्रत्येक 170 किलोग्राम) से ज़्यादा कपास बेची हैं. 1 सितंबर से शुरू हुई यह थोक छूट योजना सोमवार को समाप्त हो गई. बता दें कि इस योजना के शुरू होने से पहले CCI के पास 27 लाख गांठों का स्टॉक था. सीसीआई के अध्यक्ष ललित कुमार गुप्ता ने कहा कि हमने इस थोक छूट योजना के तहत 15 लाख गांठों से ज़्यादा की बिक्री की है. हमारे पास अब 12 लाख गांठों से भी कम का स्टॉक बचा है.

न्यूनतम मूल्य में 2,000 रुपये प्रति कैंडी की कमी

राज्य द्वारा संचालित सीसीआई, जिसने 2024-25 कपास सीजन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक करोड़ गांठें खरीदी थीं, इसने 19 अगस्त को सरकार द्वारा 11 प्रतिशत का आयात शुल्क हटाने के बाद अपने न्यूनतम मूल्य में 2,000 रुपये प्रति कैंडी (356 किलोग्राम ओटा हुआ कपास) की कमी की थी. सीसीआई ने 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले नए खरीद सीजन से पहले अपने स्टॉक को खत्म करने के लिए थोक छूट योजना शुरू की थी. इसने अलग-अलग श्रेणी के थोक खरीदारों के लिए प्रति कैंडी 400 से 600 रुपये की छूट की पेशकश की थी.

सीसीआई ने रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र स्थापित किए

अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के लिए, सीसीआई ने प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं. अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस लाइन' की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीआई के अध्यक्ष ललित कुमार गुप्ता ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 1 अक्टूबर से और मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा में 15 अक्टूबर से खरीद शुरू होगी. उन्होंने बताया कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में खरीद 21 अक्टूबर से शुरू होगी. 2024-25 के लिए आयात पिछले वर्ष के 15 लाख गांठों की तुलना में 41 लाख गांठ होने का अनुमान है. व्यापार जगत को उम्मीद है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कपास का आयात लगभग 20 लाख गांठ तक पहुंच जाएगा.

पांच साल के उच्च स्तर पर कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक

सरकार ने मध्यम रेशे वाले कपास के लिए ₹7,710 प्रति क्विंटल और लंबे रेशे वाले कपास के लिए ₹8,110 प्रति क्विंटल का एमएसपी घोषित किया है. 15 सितंबर तक देश भर में किसानों ने लगभग 109.64 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की है, जो पिछले साल इसी अवधि में 112.48 लाख हेक्टेयर से कम है. व्यापार निकाय कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने हाल ही में अनुमान लगाया है कि अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन 2025-26 के लिए कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक 39.19 लाख गांठ के मुकाबले पांच साल के उच्च स्तर 60.59 लाख गांठ पर होगा. आयात शुल्क हटने की वजह से आयात में वृद्धि के कारण कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक में वृद्धि हुई है. 

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