पिछले कई सप्ताह से गेहूं के आटा की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. बाजार में गेहूं आपूर्ति प्रभावित होने के चलते दाम में उछाल देखा जा रहा है. थोक मंडियों में गेहूं आटा के न्यूनतम दाम में 20 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. आटा की कीमतों को नीचे बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है. गेहूं की जमाखोरी की शिकायतों के बीच केंद्र ने यह फैसला पिछले सप्ताह लिया है, जिसके बाद बाजार आपूर्ति में सुधार हुआ है.
आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए आटा की कीमतों में उछाल ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा रखी है. थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई है. बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट को संशोधित कर दिया है. इससे गेहूं की जमाखोरी भी रुकेगी. केंद्र सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखती है और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है.
केंद्र की ओर से कहा गया है कि रबी 2024 के दौरान कुल 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है. खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के साथ ही जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रॉसेसर्स पर लागू होने वाली गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है.
व्यापारी, थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की 3000 मीट्रिक टन लिमिट को घटाकर 2000 मीट्रिक टन किया गया है. इसी तरह खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 10 मीट्रिक टन लिमिट को बरकरार रखा है. वहीं, प्रॉसेसर्स को स्थापित मासिक क्षमता (एमआईसी) का 70 फीसदी स्टॉक से घटाकर एमआईसी का 60 फीसदी तय किया गया है.
सभी गेहूं स्टोरेज संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्टर करने को कहा गया है और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा. तय लिमिट से अधिक स्टॉक होने पर अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे तय लिमिट में लाना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक लिमिट की निगरानी करेंगे.