कृषि सेक्टर में काम करने वाली एग्रोकेमिकल कंपनी यूपीएल (upl ltd) ने ग्रामीण भारत और कृषि इकोसिस्टम के विकास के लिए गुजरात के गावों में ग्रीन प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके तहत यूपीएल ने गुजरात की दो ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर दो तालाबों का निर्माण कर रही है. जबकि, सारस और गिद्धों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कंपनी काम कर रही है. इससे एक सप्ताह पहले यूपीएल ने पशुओं के पेट में बनने वाली मीथेन गैस की समस्या को दूर करने के लिए वैश्विक कंपनी CH4 Global के साथ साझेदारी की है.
यूपीएल (UPL) अपने समावेशी विकास और वृद्धि विषय पर फोकस करते हुए कृषि क्षेत्र और इकोसिस्टम को बेहतर करने के लिए गुजरात की ग्राम पंचायतों के साझेदारी की है. कंपनी ने गुजरात के तलोदरा और दधेदा गांवों में प्रभावशाली परियोजनाओं के माध्यम से विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करना जारी रखता है. यूपीएल बारिश के पानी को इकट्ठा करने और भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद के लिए तलोदरा गांव में 11 एकड़ का तालाब बना रही है. इस प्रयास के हिस्से के रूप में तालाब की सीमा के साथ वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया है, जिसमें जैव विविधता को बढ़ावा देने और एक ग्रीन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए 100 पेड़ लगाए गए हैं.
गुजरात की ग्राम पंचायत दधेडा में भी यूपीएल पानी बचाव को के लिए 2.5 एकड़ का तालाब बना रहा है. इससे कृषि को सिंचाई सुविधाएं आसान बनाने के साथ ही भूजल संसाधनों को फिर से भरने के लिए तालाब को गहरा करना भी शामिल है. तालाब को पैदल चलने के रास्ते और बैठने की जगह के साथ बदला जा रहा है. भरूच के अतिरिक्त कलेक्टर धांधल ने कहा कि यूपीएल के जरिए दधेडा और तलोदरा में किए जा रहे कार्य बेहतरीन उदाहरण हैं कि कैसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी जल संरक्षण और जैव विविधता जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा कर सकती है.
यूपीएल के उपाध्यक्ष सीएसआर ऋषि पठानिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य जिम्मेदार प्रथाओं के माध्यम से समाज के भीतर स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाना है. तालाबों का विकास करके, पेड़ लगाकर और इकोसिस्टम में संतुलन को बढ़ावा देकर हम प्राकृतिक संसाधनों को बहाल करने और सामुदायिक कल्याण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ये प्रयास ग्रामीण समुदायों को अपने पर्यावरण के संरक्षक बनने के लिए सशक्त बनाते हैं.
यूपीएल इसके अलावा विभिन्न संरक्षण प्रयासों के जरिए इकोसिस्टम की रक्षा में अहम ग्रोथ हासिल की है. कंपनी की ओर से चलाई सारस संरक्षण प्रोजेक्ट ने क्रेन की आबादी में उल्लेखनीय 186 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी है, जो 2015-16 में 500 से बढ़कर 2023-24 में 1,431 हो गई है. 2023-24 में गुजरात के खंभात में 132 से अधिक गिद्धों का डॉक्यूमेंटेशन किया गया. यूपीएल ने गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में 2,10,255 से अधिक पेड़ लगाए हैं और गुजरात के दहेज के वागरा तालुका में तटीय क्षेत्र के 200 एकड़ क्षेत्र में 4.17 लाख मैंग्रोव पौधे लगाए हैं. पिछले 5 साल 20 से अधिक जल संरक्षण संरचनाएं बनाई गई हैं, जिससे लगभग 24 लाख क्यूबिक मीटर पानी का संरक्षण हुआ है.
बीते सप्ताह यूपीएल (UPL ltd) ने पशुओं के पेट में बनने वाली मीथेन गैस की समस्या को दूर करने के लिए वैश्विक कंपनी CH4 Global के साथ साझेदारी की है. CH4 Global ने मीथेन घटाने वाला कैटल फीड मीथेन टैमर बनाया है. दोनों कंपनियां मिलकर कई देशों में इस प्रोडक्ट की बिक्री करेंगी. यूपीएल के बयान में कहा गया है कि पशुओं में मीथेन गैस को कम करने के लिए पशुधन फीड सप्लीमेंट की बिक्री की जाएगी. CH4 Global के साथ करार को लेकर कहा कि हर दिन लाखों मवेशियों को CH4 Global के मीथेन घटाने वाले फीड सप्लीमेंट (पशु आहार) उपलब्ध कराना है. UPL और CH4 Global भारत, ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे के प्रमुख पशुधन बाजारों को टारगेट करते हुए बड़े स्तर पर रोडमैप तैयार करेंगे और इन बाजारों में मीथेन घटाने वाले फीड सप्लीमेंट को पहुंचाएंगे.