टमाटर एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसल है. इसे विलायती बैंगन भी कहते हैं. पौष्टिक गुणों से भरपूर होने के कारण इसे मुख्य सब्जी फसल भी कहा जाता है. इसके फलों का अलग-अलग प्रकार से उपयोग किया जाता है. वहीं इसकी खेती पूरे वर्ष भर की जा सकती है. लेकिन खेती के लिए सबसे जरूरी होता है बीज, दरअसल, किसानों खेती के लिए हर साल बीज खरीद कर लाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि टमाटर का बीज 4 साल तक स्वस्थ रहता है. ऐसे में किसान इन बीजों को आसानी से चार साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही किसान बुवाई से पहले अंकुरण की जरूरी बातें भी जान लें.
टमाटर का स्वास्थ्य बीज 4 साल तक अंकुरण की क्षमता रखता है. इस बीज का इस्तेमाल करके किसान आसानी से टमाटर की खेती कर सकते हैं. वहीं, पुराने और स्वस्थ बीज बीजों से खेती करने पर बढ़िया क्वालिटी और बेहतर उत्पादन मिलता है. 25 ग्राम में लगभग 8000 से 9000 बीज होते हैं. इसका बीज अन्य सब्जियों से हल्का होता है. साथ ही टमाटर का अच्छा बीज 85 से 90 प्रतिशत तक अंकुरित करता है. इसके अलावा अंकुरण के समय पौधों को कड़ी धूप और बारिश से बचाना जरूरी होता है. पौधे की सिंचाई आवश्यकतानुसार करते रहना चाहिए.
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एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल उगाने के लिए किसानों को टमाटर की बेस्ट किस्मों का चुनाव करना चाहिए. उन्नत किस्मों का 400-500 ग्राम बीज पर्याप्त होता है. वहीं पौधा रोपाई से पहले पौधशाला में बीजों को 70 सेमी. चौड़ी और 3 मी. लम्बी क्यारियों पर उगाया जाता है. जब पौधे में 5-6 पत्तियां आ जाती है. उसके 20-25 दिनों के बाद रोपाई के लिए उपयुक्त होते हैं.
टमाटर की खेती बारिश के दिनों में जून-जुलाई में पौध डालकर जुलाई अगस्त में रोपाई करना बेस्ट माना जाता है. जाड़े की फसल में सितंबर में पौध डालकर अक्टूबर में रोपाई की जाती है. साथ ही जायद की फसल 15 जनवरी से 15 फरवरी तक पौध तैयार करके 15 फरवरी से 15 मार्च तक रोपाई करना बेहतर माना जाता है.
अब जान लेते हैं कि आखिर टमाटर की कैसे रोपाई करने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है. दरअसल, टमाटर की रोपाई लाइन से लाइन और पौधे से पौधे की दूरी में करनी चाहिए. सामान्य से बढ़ने वाली किस्मों को 60 से.मी लाइन से लाइन और 45 से.मी पौधे से पौधे की दूरी पर रोपाई करनी चाहिए. साथ ही तेजी से बढ़ने वाली किस्मों को 75 से.मी लाइन से लाइन और 50 से.मी पौधे से पौधे की दूरी रखनी चाहिए. वहीं, पौधे की रोपाई शाम 3 बजे के बाद करनी चाहिए जिससे कि रात में पौधा अच्छे से सेट हो जाए.