कश्मीर का केसर महाराष्ट्र में उगा रहा सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जानिए तरीका और लागत

कश्मीर का केसर महाराष्ट्र में उगा रहा सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जानिए तरीका और लागत

शैलेश ने मोबाइल कंटेनरों में केसर की खेती को करना शुरू किया है. इस तरह से केसर की खेती करने के लिए उन्होंने एक बार में 10 लाख रुपये का निवेश किया था.

एरोपोनिक तकनीक से केसर की खेती (फोटो साभार:-एएनआई)एरोपोनिक तकनीक से केसर की खेती (फोटो साभार:-एएनआई)
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Dec 18, 2022,
  • Updated Dec 18, 2022, 8:45 AM IST

आमतौर पर ज्यादातर युवा पढ़ने के दौरान किसी बड़ी कंपनी में काम करने की सोच रखते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवाओं के सोच में बदलाव आया है. युवा कृषि में अपनी रुचि दिखाने लगे हैं. वहीं देश में अब नए-नए तरीके से खेती की जा रही है और बहुत सी नई तकनीक भी विकसित हो गई हैं. यही वजह है कि देश के पढ़े-लिखे युवा भी खेती किसानी में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. 

इसका ताजा उदाहरण महाराष्ट्र में देखने को मिला है. यहां के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी छोड़ केसर की खेती करने का फैसला किया है. 

एरोपोनिक तकनीक से केसर की खेती 

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह इंजीनियर महाराष्ट्र में ही कश्मीर की केसर की खेती कर रहा है. एएनआई के मुताबिक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर का नाम शैलेश किशोर मोदक है. शैलेश ने मोबाइल कंटेनरों में केसर की खेती को करना शुरू किया है. इस तरह से केसर की खेती करने के लिए उन्होंने एक बार में 10 लाख रुपये का निवेश किया था. वहीं केसर की खेती के लिए वह कश्मीर से बीज लेकर आए थे. फिर एरोपोनिक तकनीक (aeroponic technology) का इस्तेमाल करके उन्होंने केवल 160 वर्ग फुट क्षेत्र में केसर की खेती की है.

केसर की खेती के लिए जलवायु 

आमतौर पर केसर की खेती बर्फीले क्षेत्रों में अधिक होती है. वहीं भारत में केसर की सबसे ज्यादा खेती जम्मू-कश्मीर राज्य में होती है. इसकी खेती वहां के वातावरण के अनुकूल की जाती है. वहीं, केसर की सबसे ज्यादा पैदावार दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पाम्पोर इलाके में होती है.  केसर की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. लगभग 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे अच्छे से वृद्धि करते हैं, तथा 10 से 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे फूल बनने लगते हैं.

केसर की खेती से फायदा

केसर (Saffron) को अपनी खुशबू और खास तरह के गुणों के लिए पहचाना जाता है. इसका मूल्य अधिक होने की वजह से इसे लाल सोना (Red Gold) भी कहा जाता है. वहीं कश्मीर की केसर की दुनियाभर में अच्छी-खासी मांग है. बाज़ार में केसर की कीमत एक से लेकर तीन लाख रूपये प्रति किलो तक होती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर में 8 कनाल (एक एकड़) में केसर की खेती करने में 1 वर्ष में 30 से 40 हजार रूपये की लागत आती है. वहीं 1 एकड़ में 2.5 से लेकर 4 किलो तक की पैदावार होती है. इससे किसानों सालाना 5-7 लाख रूपये तक की आमदनी होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके पौधे को एक बार लगाने के बाद 10 साल तक इससे फसल प्राप्त किया जाता है.

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