कृषि मंत्री माणिकराव का विवादों से गहरा नाता, 'सामना' ने एक-एक कर गिनाए!

कृषि मंत्री माणिकराव का विवादों से गहरा नाता, 'सामना' ने एक-एक कर गिनाए!

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री कोकाटे पर शिवसेना के मुखपत्र सामना ने हमला बोला है. अपने संपादकीय में सामना ने कोकाटे के उन विवादित बयानों के बारे में बताया है जो उन्होंने किसानों के खिलाफ दिए हैं. कोकाटे पर अभी हाल में महाराष्ट्र विधानसभा में रमी खेलने का आरोप लगा है.

A video of the incident was shared by NCP (SP) leader Rohit Pawar.A video of the incident was shared by NCP (SP) leader Rohit Pawar.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 21, 2025,
  • Updated Jul 21, 2025, 2:51 PM IST

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव शिवाजी कोकाटे एक नए विवाद में घिर गए हैं. यह नया विवाद विधानसभा में बैठकर गेम खेलने से जुड़ा है. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में देखा जा रहा है कि कृषि मंत्री कोकाटे रमी गेम खेल रहे हैं. इस घटना के बाद वे विपक्ष के निशाने पर आ गए. विपक्ष ने कोकाटे से पूछा कि जिस महाराष्ट्र में हर दिन 8 किसान खुदकुशी कर रहे हैं, उसी प्रदेश के कृषि मंत्री विधानसभा में गेम खेल रहे हैं. हालांकि कोकाटे ने अपनी सफाई दी, लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी है. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में भी कोकाटे पर हमला बोला है. आइए जानते हैं कि सामने ने क्या लिखा है-

फडणवीस सरकार ऐसे ‘माणिक’ और ‘रत्नों’ से भरी पड़ी है, जिनके बिना एक भी दिन ऐसा नहीं बीता कि उनकी वजह से महाराष्ट्र की ‘शोभा’ नहीं बढ़ी हो. राज्य की जनता को हर दिन इनकी ‘दिव्यता’ के दर्शन हो रहे हैं. कुछ मंत्रियों के पैसों से भरे बैगों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, कुछ विधायक ‘तौलिया-बनियान गैंग’ के अवतार में विधायक निवास की कैंटीन में घुसकर वहां के गरीब कर्मचारियों को फ्री स्टाइल में पीट रहे हैं तो कुछ तो विधान भवन में ही सीधे मारपीट की खुजली मिटा रहे हैं. फिर कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, जिनके नाम में ही ‘माणिक’ है, के बारे में क्या कहें? 

सामना ने क्या लिखा है?

सामना में आगे लिखा गया है, मंत्री पद संभालने के बाद से ही वे विवादास्पद भाषण और शर्मनाक हरकतें करते रहे हैं. अब यह कृषि मंत्री एक अलग ही काम के कारण चर्चा में आ गए हैं. विधान मंडल में मोबाइल पर ‘रमी’ खेलते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ है. विधायक रोहित पवार ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से यह वीडियो वायरल कर कृषि मंत्री का एक और कारनामा उजागर किया है. महाराष्ट्र में हर दिन सात-आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं. पिछले तीन महीनों में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा दिल दहला देनेवाला है, जो 650 तक पहुंच गया है. इस पर शर्मिंदा होने की बजाय, कृषि मंत्री विधानमंडल में ‘रमी’ का खेल खेल रहे हैं, जिसे बेशर्मी की पराकाष्ठा कहना तो बनता है. 

कृषि मंत्री के पास लातूर से पैदल चलकर विधान भवन आए किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनने का वक्त तो नहीं है, लेकिन विधान मंडल में मोबाइल पर रमी का आनंद लेने का समय जरूर है. कृषि मंत्री कोकाटे के बेमुर्वतपने के उदाहरण देखिए:

  • एक रुपये वाली फसल बीमा योजना पर इन सज्जन ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा था ‘भिखारी भी एक रुपया नहीं लेता.’ 
  • ‘क्या किसान कर्जमाफी की रकम मिलने के बाद उसका एक भी रुपया खेतों में लगाते हैं? शादियों, सगाई-पार्टियों में उड़ा देते हैं और बर्बाद कर देते हैं,’ इन शब्दों से उन्होंने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़का था. 
  • नासिक में बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का मुआयना करते हुए कृषि मंत्री ने किसानों से यह बेतुका सवाल पूछा था, ‘क्या माटी के ढेलों का पंचनामा करना चाहिए?’ 
  • मैं भिखारी किसान नहीं, दिलदार किसान हूं. किसानों को अपना कर्ज चुकाना ही होगा. 
  • ‘जब प्याज का दाम बढ़ता है तो किसान प्याज बोता है और फिर प्याज का दाम गिर जाता है.’ 

अब कृषि मंत्री तो इससे भी आगे बढ़ गए हैं. जब विपक्ष सदन में किसानों की आत्महत्या और विभिन्न समस्याओं पर बात कर रहे थे, ये महाशय विधानसभा में रहते हुए किसानों के मुद्दों पर बोलने के बजाय मोबाइल पर रमी खेलते रहे. कृषि मंत्री होने के नाते वे किसानों के कल्याण के लिए काम नहीं करना चाहते. इसके बजाय, मनमाफिक बकवास करते हैं और बचे हुए समय में मोबाइल पर रमी खेलते हैं. महाराष्ट्र के इतिहास में इतना लापरवाह कृषि मंत्री कभी नहीं हुआ. राज्य के किसान बेमौसम बारिश और कर्ज के बोझ तले दबे हैं. कृषि मंत्री का कर्तव्य और दायित्व है कि वे उनका साथ दें. हालांकि, उस कर्तव्य को निभाने के बजाय, वे अन्नदाता को अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं. 

सामना ने लिखा है, किसान तटबंध पर फांसी लगा रहे हैं और राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विधानसभा में अपने मोबाइल पर ‘रमी’ का आनंद ले रहे हैं. इतना कुछ होने के बावजूद, वे बेबाकी से कह रहे हैं कि उन्होंने ‘कोई पाप नहीं किया’. महाराष्ट्र को दिग्गज कृषि मंत्रियों की विरासत मिली है. मौजूदा ‘माणिक’ उस परंपरा में कहीं फिट नहीं बैठते. फडणवीस का मंत्रिमंडल एक से एक ‘रत्नों’ से भरा है. ‘रत्नों’ की इस खदान से अब विधानसभा में मोबाइल फोन पर ‘रमी’ खेलनेवाला एक ‘माणिक’ निकला है.

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