भारत में गुलाब बहुत ही लोकप्रिय फूल है. घरों के सजावट से लेकर आयुर्वेद तक में भी गुलाब का इस्तेमाल किया जाता है. जानकारी के मुताबिक 2500 साल पहले गुलाब को फूलों की रानी कहा जाता था. इसकी आकर्षक संरचना, सुंदर आकार, मनमोहक रंग के कारण लोग इसे अधिक पसंद करते हैं. लाल गुलाब को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है. गुलाब की खेती वैज्ञानिक रूप से की जा सकती है और इसके फूल लगभग पूरे साल प्राप्त किए जा सकते हैं. आमतौर पर यह सर्दियों का फूल है. इस मौसम में गुलाब के फूल की खूबसूरती देखने लायक होती है. इसके एक फूल में 5 पंखुड़ियां से लेकर कई पंखुड़ियां होती हैं. वहीं बाज़ारों में भी इसकी मांग रंग और आकार पर निर्भर होती है. लेकिन गुलाब का दुश्मन लाल मकड़ी कीट का प्रकोप इस मौसम में सबसे अधिक होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करें बचाव.
लाल मकड़ी शुरुआत में गुलाब के पौधों के निचले हिस्से पर दिखाई देती हैं और बाद में पूरे पौधे पर फैल जाती हैं. वे पत्तियों से रस चूसती हैं जिसके कारण लाल मकड़ी से प्रभावित पौधों की पत्तियां हरे से भूरे रंग की हो जाती हैं. गुलाब पर लाल मकड़ी का प्रकोप गर्मियों में अधिक तापमान और वातावरण में कम आर्द्रता के कारण होता है. इसे रोकने के लिए पॉलीहाउस में स्प्रे सिंचाई विधि द्वारा वातावरण में आर्द्रता को बढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से लाल मकड़ी का प्रकोप कम हो जाता है. गुलाब के पौधों पर, दोनों तरफ हिलफोल 1.0 मिली के दोनों तरफ लगभग 3.5 मीटर के अंतराल पर 5 से 5.5 फीट लंबे लोहे के पाइप लगाए जाते हैं. इन पाइपों को क्यारियों के दोनों तरफ प्लास्टिक की रस्सी की 2 से 3 परतें बांध दी जाती हैं. ऐसा करने से, जब फूलों के डंठलों पर कलियां उगती हैं, तो वे सभी डंठल झुकने से सुरक्षित रहते हैं.
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