पानी बचा, खेती सुधरी, आमदनी बढ़ी, 5 लाख से ज़्यादा लोगों को मिला फायदा

पानी बचा, खेती सुधरी, आमदनी बढ़ी, 5 लाख से ज़्यादा लोगों को मिला फायदा

प्रवाह कार्यक्रम, पर्नोड रिकार्ड इंडिया फाउंडेशन की पहल, गांवों में पानी, खेती और रोज़गार को बेहतर बनाने का काम करता है. साल 2024-25 में इसने 5 लाख से ज़्यादा लोगों की ज़िंदगी सुधार दी. किसानों को नई खेती, जल संरक्षण और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है, जिससे ग्रामीण समुदाय मजबूत और खुशहाल बनते हैं.

गाँव-गाँव तक विकास की धारागाँव-गाँव तक विकास की धारा
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Dec 23, 2025,
  • Updated Dec 23, 2025, 12:03 PM IST

प्रवाह, पर्नोड रिकार्ड इंडिया फाउंडेशन का एक खास कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम गांवों में रहने वाले लोगों की मदद करता है. इसका मकसद है कि लोगों को साफ पानी मिले, अच्छी खेती हो और परिवारों की आमदनी बढ़े. साल 2024-25 में इस कार्यक्रम से पूरे भारत में 5 लाख से ज़्यादा लोगों की ज़िंदगी बेहतर हुई.

पानी, खेती और रोज़गार पर एक साथ काम

प्रवाह पानी, खेती और रोज़गार-इन तीनों पर एक साथ काम करता है. इसे WAL फ्रेमवर्क कहा जाता है. इस सोच के तहत गांवों में पानी बचाने के तरीके अपनाए जाते हैं, किसानों को नई और आसान खेती सिखाई जाती है और लोगों को कमाने के नए रास्ते बताए जाते हैं. इससे किसान मजबूत बनते हैं और उनका भविष्य सुरक्षित होता है.

किसानों को मिला बड़ा सहारा

साल 2024-25 में प्रवाह के 14 कार्यक्रमों से 22,430 किसानों को मदद मिली. ये कार्यक्रम 8 राज्यों के 107 गांवों में चलाए गए. इस दौरान पानी बचाने के लिए 70 पानी के ढांचे बनाए गए, जिससे 63 करोड़ लीटर पानी जमा करने की क्षमता बढ़ी. इससे खेतों में पानी की कमी कम हुई.

हर जगह की अलग ज़रूरत, अलग समाधान

प्रवाह स्थानीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करता है. हर इलाके की समस्या अलग होती है, जैसे कहीं पानी कम है तो कहीं मिट्टी कमजोर है. इसलिए प्रवाह उसी जगह के हिसाब से काम करता है, ताकि मदद सही और असरदार हो.

उत्तर भारत में खास पहल

  • उत्तर भारत में प्रवाह ने किसानों की कई परेशानियों को दूर किया.
  • पंजाब में कृषक क्रांति कार्यक्रम से किसानों को मिट्टी की जांच और माइक्रो सिंचाई की सुविधा मिली, जिससे खर्च कम हुआ.
  • राजस्थान में ग्राम उत्थान से जलवायु के अनुसार खेती और महिलाओं के छोटे कामों को बढ़ावा मिला.
  • उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में ग्राम उत्कर्ष से प्राकृतिक खेती और किसान संगठनों को मजबूत किया गया.

महिलाओं के लिए सबला कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश में चलाया गया सबला कार्यक्रम खास तौर पर महिलाओं के लिए है. इसमें महिलाओं को अलग-अलग फसल उगाने और खेती से जुड़ा छोटा व्यवसाय करने में मदद दी गई. इससे महिलाओं की आमदनी बढ़ी और वे आत्मनिर्भर बनीं.

पश्चिम भारत में भी असर

पश्चिम भारत में प्रवाह ने पानी की कमी, कम उत्पादन और बाज़ार तक पहुंच की समस्या पर काम किया. किसानों को सही जानकारी और साधन दिए गए, ताकि वे बेहतर फसल उगा सकें और अच्छा दाम पा सकें.

किसान दिवस पर मजबूत संकल्प

किसान दिवस के मौके पर प्रवाह ने फिर कहा कि वह किसानों के साथ खड़ा है. इसका लक्ष्य सिर्फ फसल बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को मजबूत बनाना, उनकी आमदनी बढ़ाना और गांवों को आत्मनिर्भर बनाना है.

प्रवाह कार्यक्रम ने दिखा दिया है कि अगर सही तरीके से मदद की जाए, तो गांवों की तस्वीर बदली जा सकती है. पानी बचे, खेती सुधरे और लोगों का जीवन खुशहाल बने-यही प्रवाह की सच्ची पहचान है.

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