अलग-अलग सीजन की अलग-अलग फसलें उगाकर किसान अपनी आजीविका चलाते हैं. कुछ लोग फल उगाकर बेचते हैं, कुछ लोग फूल. कुछ सब्जी तो कुछ मेवे...मगर कुछ किसान ऐसे भी हैं जो सिर्फ पत्ते उगाकर अच्छी कमाई कर लेते हैं. दरअसल देश के हर राज्य में पत्तों का महत्व भी अलग-अलग होता है. उनमें से कुछ पत्ते ऐसे होते हैं जिनका बड़े पैमाने पर कारोबार भी किया जाता है. इन पत्तों की अलग-अलग जगहों पर काफी डिमांड भी होती है. इनमें खास तौर पर शामिल होते हैं केला, पान और साखु के पत्ते. देश के कई हिस्सों में इन तीन पत्तों को आमदनी के लिहाज से शानदार माना जाता है. इन पत्तों की मांग पूरे साल बनी रहती है. वहीं इन पत्तों की खेती करके किसान अच्छी कमाई भी करते हैं. केले के पत्ते की डिमांड तो दक्षिण भारत के राज्यों में बहुत अधिक है.
इसके अलावा पान की उत्तर और पूर्वी भारत में अच्छी मांग में बनी रहती है. वहीं साखू के पत्ते का इस्तेमाल पहाड़ी इलाकों में केले के पत्ते की तरह ही किया जाता है. आइए जानते हैं क्यों है इन पत्तों की डिमांड और लोग कैसे करते हैं कारोबार.
देश के अधिकतर लोग केले का पेड़ सिर्फ इसलिए लगाते हैं ताकी उससे फल मिल सके. वहीं केले के फल से अच्छी कमाई भी होती है. लेकिन आपको बता दें कि केले का पत्ता भी आय का एक बेहतर विकल्प है. केले के पत्ते का इस्तेमाल दक्षिण भारत में घरों में आमतौर पर खाना खाने में किया जाता है. वहीं केले की पत्तियों का उपयोग वहां धार्मिक त्योहारों, विवाहों और अन्य समारोहों में प्रमुख रूप से सजावट के लिए भी किया जाता है.
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इसलिए वहां केले की मांग हमेशा बनी रहती है. वर्तमान समय में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में केले के पत्तों का कारोबार किया जाता है. आप भी केले के पत्ते को दक्षिण भारत में बेचकर बंपर कमाई कर सकते हैं.
भारत में साखू का पेड़ पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है. खासकर यह उत्तर भारत के जंगलों में पाया जाता है. इसका पेड़ लंबा होता है और इसके पत्ते चौड़े होते हैं. इसका इस्तेमाल भी केले के पत्ते की तरह खाना परोसने और शादियों में अन्य कार्यों के लिए किया जाता है. साखू का केवल पत्ता ही नहीं लकड़ी भी काफी महंगी बिकती है. यानी किसान साखू का पेड़ लगाकर एक पेड़ से दोगुना लाभ कमा सकते हैं.
हमारे देश में पान का इतिहास काफी लंबा रहा है. कुछ लोग पान को मसाले के साथ खाते हैं तो वहीं कुछ लोगों को मीठा पान खाना काफी पसंद होता है. पान के पत्ते का इस्तेमाल भारत में लगभग सभी राज्यों में किया जाता है. खासतौर पर उत्तर और पूर्व भारत में तो इसकी काफी डिमांड रहती है. पान के पत्ते का इस्तेमाल पूजा-पाठ में भी किया जाता है. साथ ही पान एक नकदी फसल है. हालांकि, इसकी खेती थोड़ी कठिन होती है. लेकिन एक बार उगाई गई फसल से किसान कई महीनों तक इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.