
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस और साइबर टीम ने साइबर ठगी करने वाले चार शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह गांव-गांव जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का झांसा देकर उनका मोबाइल सिम बदलकर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था. पुलिस के अनुसार, आरोपी ग्रामीणों को किसान सम्मान निधि और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का वादा करते थे. इसके बाद उन्हें जन सेवा केंद्र (CSC) ले जाकर उनकी बातचीत में उलझाकर सिम बदल देते थे. इस तरह वे ग्रामीणों के बैंक खाते में जमा पैसे को अपने हाथों में ले लेते थे.
एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि पकड़े गए आरोपी हैं – रंजीत कुमार, सलीम, नौमीलाल और हेमंत श्रीवास्तव. उनके कब्जे से पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर, 30,000 रुपए कैश, 38 मोबाइल फोन और भारी मात्रा में मोबाइल एसेसरीज व डेटा केबल बरामद किए हैं.
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये आरोपी तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं. इसमें शामिल हैं:
अपराधियों ने ठगी करने के लिए सबसे कमजोर लोगों को निशाना बनाया. आमतौर पर कीपैड फोन वाले किसान और ग्रामीण इनके शिकार बनते थे. आरोपी ग्रामीणों का सक्रिय सिम निकालकर निष्क्रिय सिम डाल देते और फिर उससे UPI खाता बनाकर पैसे निकालते थे.
एसपी ने बताया कि ये लोग फर्जी सिम और इंटरनेट का इस्तेमाल कर लखनऊ और आसपास के जिलों के एटीएम से दूसरे व्यक्ति के सहयोग से पैसे निकालते थे.
कोठी थाना और साइबर सेल की पुलिस ने तीन मुकदमों के तहत यह खुलासा किया. एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि ग्रामीणों को जागरूक करना और ऐसे साइबर अपराधों को रोकना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. बाराबंकी में यह मामला एक चेतावनी है कि सरकारी योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. ग्रामीणों को मोबाइल और बैंकिंग से जुड़े मामलों में सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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