शिवराज सिंह चौहानकेंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान उन राज्यों को आड़े-हाथों लिया है, जो मोटे अनाज की खरीद नहीं कर रहे हैं. ओडिशा में आयोजित एक कार्यक्रम के मंच से मोटे अनाज की बात करने और खरीद ना करने वालों राज्यों को फटकार लगाई. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मोटे अनाज की खेती को बढ़ाने कि बातें बहुत से राज्यों ने और बहुत लोगों ने की लेकिन धरती पर उतारने का काम सबसे पहले ओडिशा ने किया, जिसका अभिनंदन और मुख्यमंत्री माझी बधाई है. शिवराज सिंह ने कहा कि श्रीअन्न सिर्फ अनाज नहीं है, इसका मतलब है पोषणयुक्त खाद्यान्न प्रदान करना, रसायन मुक्त खेती, पानी बचाना, इंसान के स्वास्थ्य को ठीक करना, धरती के स्वास्थ्य को भी बचाना और आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित रखना.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत के ऋषियों ने सैकड़ों साल पहले कहा था "शरीरं आद्यं खलु धर्मसाधनम्", यह शरीर माध्यम है सब धर्मों के पालन करने का, पहला सुख निरोगी काया, निरोगी रहने के लिए उपयुक्त आहार चाहिए, भोजन ठीक होना चाहिए. हमारे ऋषियों ने कहा है कि हितभुक्, मितभुक् और ऋतभुक्. भोजन कैसा करें, तो तीन तरह के "हितभुक्", जो शरीर के लिए हितकारी हो. आजकल फास्ट फूड और बाकी चीजें जो चलती है, क्या वो शरीर के लिए उपयोगी हैं? हम केवल स्वाद के लिए जितनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं भोजन में, क्या वो शरीर के लिए उपयोगी है?
आज जमाना कहता है प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के कारण मोटे अनाज की जो महत्ता जो उन्होंने फैलाई है, वैज्ञानिक कह रहे हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए यह मोटा अनाज, यानी मिलेट्स (श्री अन्न) वरदान है, इसमें जितने तरह के पोषक तत्व हैं, वो वैज्ञानिकों ने प्रूफ किए हैं और इसलिए शरीर के लिए मिलेट्स हितकारी हैं, उनकी उपेक्षा ना करें.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मिलेट्स के गुणों की आज पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. PM मोदी के नेतृत्व में इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर का आयोजन किया गया. हमें मिलेट्स को बढ़ावा देना है ये केवल नारे से, भाषण से नहीं हो सकता. हमें मिलेट्स के गुणों की चर्चा व्यापक पैमाने पर आमजन के बीच करना होगा. हम जैसा भोजन करते हैं, उसका शरीर के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. कई बार आप फूड हैबिट से अपने स्वास्थ्य को ठीक कर सकते हैं, डायबिटीज जैसी बीमारी को ठीक कर सकते हैं, इसलिए मिलेट्स की उपयोगिता आज सारा जगत जानता है.
उन्होंने सभी राज्यों से किसानों से मोटे अनाज खरीदने की अपील करते हुए कहा कि ओडिशा मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर श्रीअन्न खरीद रहा है, मिड डे मील में देना शुरू किया है जो बच्चों के लिए लाभकारी है. शिवराज सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली, कृषि मंत्रालय में मिलेट्स कैफे खुलवाऊंगा. ओडिशा के मिलेट्स का, आपके प्रयासों का हम प्रचार-प्रसार करेंगे, ताकि बाकी राज्य भी उसे अपनाएं. भारत सरकार
श्रीअन्न को बढ़ावा देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. ओडिशा मॉडल को मैं पूरे हिंदुस्तान में लेकर जाऊंगा. ओडिशा ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में काम किया है.
शिवराज सिंह ने कहा कि आईसीएआर के वैज्ञानिकों को मैंने निर्देश दिए है कि प्रति हेक्टेयर मिलेट्स उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीजों का विकास बहुत जरूरी है. मिलेट्स में पानी बहुत कम लगता है, ये सूखे इलाके में भी हो सकते हैं, कमजोर माटी में भी सुपरफूड पैदा होता है. इसके अलावा कम संसाधनों में पैदा होता है, इसमें खाद नहीं पड़ती है, लागत घटती है, लागत और कम कैसे हो सकती है उस बारे में रिसर्च की कोशिश करें. श्रीअन्न की प्रोसेसिंग स्वयं सहायता समूहों की बहनें भी कर रही हैं, शिवराज सिंह ने उनका अभिनंदन करते हुए कहा कि ओडिशा ही नहीं, अन्य प्रांतों में भी, मध्य प्रदेश में भी कोदो-कुटकी की प्रोसेसिंग का काम बहनों ने किया हैं, हम अलग-अलग प्रोसेसिंग सेंटर कैसे बढ़ा सकते हैं, ग्रेडिंग और पैकेजिंग भी वहीं कर लें, तो श्री अन्न के दाम स्थानीय स्तर पर भी किसानों को ज्यादा मिलेंगे.
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