बिहार में विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों का विरोध प्रदर्शन नया मोड़ लेता जा रहा है. शनिवार को संविदा कर्मी एक बार फिर पटना स्थित भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए. इस दौरान माहौल गरमाया तो राज्य के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया. इधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा की चुनावी रणनीति को लेकर बैठक पार्टी कार्यालय में ही होनी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से बैठक का स्थान बदलना पड़ा.
दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संविदा कर्मियों की हड़ताल को अनुशासनहीनता मानते हुए 3 सितंबर तक ड्यूटी पर वापस न लौटने वाले करीब साढ़े सात हजार कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं. हालांकि विभाग ने बाद में नरमी दिखाते हुए उन्हें अपील का अवसर दिया. आदेश के मुताबिक, बर्खास्त कर्मी चाहे तो कार्यालय समय में सीधे विभाग में उपस्थित होकर या विभाग की ई-मेल आईडी appealdlrs@gmail.com पर अपना अभ्यावेदन भेज सकते हैं.
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक 710 से अधिक कर्मियों ने पुनर्बहाली के लिए आवेदन जमा किया है. इनमें संविदा कर्मी संघ और अभियंता संघ के कई पदाधिकारी भी शामिल हैं. अमीन संघ की अध्यक्ष रौशन आरा ने भी अपील की है और बीमार रहने का चिकित्सीय प्रमाणपत्र संलग्न किया है. उनका आवेदन विभाग ने स्वीकार कर लिया है.
पिछले दिनों 185 संविदा कर्मियों द्वारा दायर अपीलों पर विचार कर उन्हें सेवा में वापस ले लिया गया था, उसके बाद से लगातार आवेदन आ रहे हैं. केवल ई-मेल के जरिए ही 525 से ज़्यादा बर्खास्त कर्मियों ने अभ्यावेदन भेजा है. अधिकारियों का कहना है कि हर आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और सोमवार तक सभी मामलों का निस्तारण कर आदेश पारित कर दिए जाएंगे.
विभाग ने साफ किया है कि उद्देश्य कर्मियों की समस्याओं का समाधान करना है, बशर्ते वे अनुशासनहीन गतिविधियों में शामिल न हों. अब तक कुल 235 संविदा कर्मियों की सेवा में बहाली की जा चुकी है और उम्मीद है कि शेष मामलों में भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे.
इससे पहले बुधवार को जब संविदाकर्मी अपनी मांगों को लेकर भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे, तब पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी. हालात काबू से बाहर होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें एक संविदा कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसके सिर पर चोट लगने से खून बहने लगा. इस घटना के बाद संविदा कर्मियों में नाराजगी और बढ़ गई.