सरकार का इथेनॉल उत्‍पादन बढ़ाने और निर्यात शुरू करने पर फोकस, केंद्रीय मंत्री ने किसानों के लिए कही ये बात

सरकार का इथेनॉल उत्‍पादन बढ़ाने और निर्यात शुरू करने पर फोकस, केंद्रीय मंत्री ने किसानों के लिए कही ये बात

Ethanol Production: केंद्र सरकार बायोफ्यूल और इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है. अब केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बायोफ्यूल उत्‍पादकों के सामने इच्‍छा जताई है कि वे इथेनॉल उत्‍पादन को और बढ़ाएं, ताकि इसका निर्यात शुरू हो सके. इस दौरान उन्‍होंने गन्‍ना किसानों को हुए फायदे का भी जिक्र किया.

Ethanol Production IncreaseEthanol Production Increase
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 11, 2025,
  • Updated Sep 11, 2025, 8:42 PM IST

भारत में इथेनॉल उत्पादन और बायोफ्यूल सेक्टर को लेकर केंद्र सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि देश के बायोफ्यूल उत्पादकों को अब इथेनॉल उत्पादन बढ़ाना चाहिए और इसकी दिशा निर्यात की ओर भी होनी चाहिए. वे नई दिल्ली में आयोजित इंडिया शुगर एंड बायो-एनर्जी कॉन्फ्रेंस 2025 में बोल रहे थे.  मंत्री ने कहा कि भारत ने इथेनॉल ब्लेंडिंग, ऊर्जा सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है. इस दौरान उन्‍होंने किसानों को हुए फायदे पर भी बात की.

11 साल में 13 गुना बढ़ी इथेनॉल ब्‍लेंडिंग

प्रहलाद जोशी ने कहा कि 2014 में जहां ईंधन में इथेनॉल का मिश्रण केवल 1.5 प्रतिशत था, वहीं आज यह बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है. यानी बीते 11 सालों में इसमें 13 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. इस बदलाव से भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई है और विदेशी तेल पर निर्भरता घटने से भारी विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. उन्‍होंने आगे बताया कि आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होने से देश ने 1.44 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है.

उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ आर्थिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बीते दशक में भारतीय चीनी उद्योग ने जबरदस्त बदलाव देखा है. इस बदलाव का केंद्र राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति और इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम है, जिसने शुगर मिलों को उत्पादों की विविधता बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा के नए स्रोत तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की पहलों ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है. साथ ही, शुगर मिलों और किसानों दोनों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी तैयार किया है.

गन्‍ने का उत्‍पादन 40 प्रतिशत बढ़ा

जोशी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 सालों में गन्ने का उत्पादन 40 प्रतिशत और चीनी का उत्पादन 58 प्रतिशत बढ़ा है. जोशी ने कहा कि आने वाले समय में बायोफ्यूल उत्पादकों को चाहिए कि वे उत्पादन क्षमता को और विस्तार दें और वैश्विक बाजारों में कदम रखें.

उन्होंने उद्योग को सतत नवाचार और नई तकनीकों को अपनाने की सलाह दी, जिससे दक्षता, उत्पादन और रोजगार में वृद्धि हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों ने यह सुनिश्चित किया है कि घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दाम पर चीनी मिले और किसानों को समय पर भुगतान हो. मौजूदा शुगर सीजन की 96 प्रतिशत से अधिक गन्ना भुगतान राशि पहले ही साफ की जा चुकी है.

ISMA जल्‍द जारी करेगा अग्रिम अनुमान

इस मौके पर इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने भी 2025-26 शुगर सीजन के लिए 349 लाख टन सकल उत्पादन का अनुमान बरकरार रखा है. यह अनुमान जुलाई 2025 के आकलन के अनुरूप है, जिससे यह संकेत मिलता है कि क्षेत्रीय उतार-चढ़ाव के बावजूद उत्पादन में स्थिरता बनी हुई है. ISMA अक्टूबर 2025 में फसल की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करेगा और अक्टूबर-नवंबर में पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा.

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