विकसित उत्‍तर प्रदेश के लिए 1 लाख से ज्‍यादा सुझाव आए, 12 हजार किसानों ने इन क्षेत्रों पर दिया जोर

विकसित उत्‍तर प्रदेश के लिए 1 लाख से ज्‍यादा सुझाव आए, 12 हजार किसानों ने इन क्षेत्रों पर दिया जोर

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान में जनता की भागीदारी तेज़ी से बढ़ रही है. अब तक 65 जिलों से 1 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं. इनमें सबसे अधिक राय शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और ग्रामीण-नगरीय विकास पर दर्ज हुई है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 13, 2025,
  • Updated Sep 13, 2025, 6:05 AM IST

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार "समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047" अभियान के तहत पूरे प्रदेश में व्यापक संवाद और फीडबैक कार्यक्रम आयोजित करा रही है. अभियान के दौरान शुक्रवार 12 सितम्बर तक कुल 65 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया प्रतिनिधियों और आम लोगों के साथ बातचीत की. इस दौरान बीते आठ साल की विकास यात्रा पर जानकारी साझा की गई और प्रदेश के भविष्य के विकास के लिए रोडमैप पर चर्चा करते हुए जनता से सुझाव भी मांगे गए.

अब तक 1 लाख से ज्‍यादा सुझाव हुए रिकॉर्ड

अभियान को लेकर जनता में गहरी रुचि देखने को मिल रही है. इसके लिए विशेष रूप से samarthuttarpradeh.up.gov.in पोर्टल बनाया गया है, जिसपर अब तक 1 लाख से अधिक फीडबैक मिल चुके हैं. इनमें से 79 हजार से अधिक फीडबैक ग्रामीण क्षेत्रों से जबकि 2़1 हजार से अधिक फीडबैक नगरीय क्षेत्रों से आए हैं. आयु वर्ग के आधार पर देखा जाए तो 35 हजार से ज्‍यादा सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, 57 हजार से अधिक सुझाव 31-60 आयु वर्ग से और 6 हजार से अधिक सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से मिले हैं.

सुझावों में ये मुद्दे हैं सबसे अहम

प्रदेशवासियों ने विकास से जुड़े जिन प्रमुख क्षेत्रों पर राय दी, उनमें शिक्षा क्षेत्र सबसे ऊपर रहा, जिसमें कुल 35,047 सुझाव शिक्षा से जुड़े मिले, जबकि नगरीय और ग्रामीण विकास से संबंधित 17,257 सुझाव दर्ज हुए. वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र पर 10,894, समाज कल्याण पर 9,436 और कृषि क्षेत्र से जुड़े 12,718 सुझाव दर्ज किए गए.

किसानों ने दिए कृषि क्षेत्र से जुड़े अहम सुझाव

कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्र से जुड़े सुझावों की संख्या भी उल्लेखनीय रही. किसानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाने, जल उपयोग की नई विधियों के प्रति जागरूकता, पीएमडीएमसी जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणाली लागू करने और हर किसान के घर पर बायो गैस संयंत्र स्थापित करने पर जोर दिया.

इसके अलावा ड्रिप सिंचाई, सौर ऊर्जा आधारित पंप, बेहतर बीजों का प्रयोग, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल किसान मंडियों के माध्यम से कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ने, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाने तथा कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के सुझाव सामने आए.

किसानों ने रियायती दरों पर उन्नत किस्म के बीज, उर्वरक, कीटनाशक और उपकरण उपलब्ध कराने, सहकारिता विभाग से सस्ती साख सुविधा, फसलों के लिए उचित समर्थन मूल्य की गारंटी और व्यवसायिक फसलों को बढ़ावा देने जैसी मांगें भी रखीं.

ये जिले रहे सबसे सक्रिय रहे 

बलिया, बलरामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, मैनपुरी और प्रतापगढ़ जैसे जनपदों से सबसे अधिक 3,500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए. यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जनता सक्रिय रूप से अभियान में जुड़ रही है.

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