
आपने ये तो सुना होगा कि प्याज से संसद गूंज उठी, मगर पाकिस्तान में अब दिन ऐसे आ गए कि वहां कि पार्लियामेंट में टमाटर पर हंगामा बरपा है. न्यूक्लियर हमलों की गीदड़भभकी देने वाला देश अपनी आवाम को टमाटर नहीं खिला पा रहा है. हालत तो ये है कि वहां की संसद में अब टमाटर के लिए लोन शुरू करवाने तक की आवाजें उठ रही है, क्योंकि पाकिस्तान में टमाटर 700 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, यानी 75 रुपये का 1 टमाटर. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि पाकिस्तान में टमाटर इतना महंगा कैसे हो गया और अब पड़ोसी देश को संकट में भारत की याद क्यों आने लगी है.
पाकिस्तान की पार्लियामेंट में एक MP टमाटर दिखाते हुए बोले, "मैं बड़ी मुश्किल से ये टमाटर यहां तक लाया हूं. हमारे सांसद फारुख साहब का शुक्रिया, जिन्होंने ये टमाटर मंगवाया. इस टमाटर की कीमत 75 रुपये है." ये तंज ही सही मगर पाकिस्तान में टमाटर की लालिमा का आधिकारिक सबूत है और ये हाल वहां केवल टमाटर का नहीं है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में लहसुन 400 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, अदरक 750 रुपये, प्याज 120 रुपये, मटर 500 रुपये, शिमला मिर्च और भिंडी 300 रुपये किलो तक बिक रहे हैं. खीरा भी 150 रुपये, लोकल गाजर 200 रुपये और नींबू का भाव 300 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. जो हरी धनिया कभी सब्जी वाले ग्राहकों को फोकट में दे देते थे, वही धनिया के बंडल अब 50 रुपये में बिक रहा है.
दरअसल, पाकिस्तान में सब्जी की कीमतों में इस तेजी का कारण 11 अक्टूबर से पाक और अफगानिस्तान के बीच भारी झड़प और हवाई हमले हैं. क्योंकि इस तनाव के बाद पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर बंद हो गए, जिसकी वजह से 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर व्यापार भी ठप हो गया और जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छूने लगीं. रॉयटर्स के अनुसार, पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के हैड, खान जान अलो कोजय ने कहा कि रोजाना, दोनों देशों को लगभग 1 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. ताज़ा फल, सब्ज़ियां, खनिज, दवाइयां, गेहूं, चावल, चीनी, मांस और डेयरी उत्पादों सहित 23 अरब डॉलर का सालाना व्यापार ठप हो गया है, जिससे पाकिस्तान में टमाटर की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है. नतीजतन, पाकिस्तान में टमाटर का भाव 700 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया.
पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के हैड ने रॉयटर्स को बताया कि हमारे पास हर दिन निर्यात के लिए सब्जियों के 500 कंटेनर तैयार रहते थे. लेकिन अब सभी खराब हो गए हैं. तोरखम बॉर्डर पर एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि दोनों तरफ 5 हजार कंटेनर फंसे हुए हैं, जिससे बाजार में टमाटर, सेब और अंगूर की कमी हो गई है.
इस संकट के कारण पाकिस्तान की संसद में भारी हंगामा हुआ है, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर सब्जी की कीमतों को कंट्रोल करने में विफल रहने का आरोप लगाया. कुछ सांसदों ने भारत से सस्ते आयात के दिनों को याद करते हुए "टमाटर लोन" तक की सिफारिश की है. "टमाटर लोन" की बढ़ती मांग और संसद में हंगामा पाकिस्तान के संकट की गहराई को उजागर करता है. अब बॉर्डर बंद होने से हुए नुकसान ने भारत से सस्ती सप्लाई की यादें फिर से ताजा कर दी हैं.
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