Organic Farming: क्‍या जैव‍िक खेती में सच में है ज्‍यादा मुनाफा? जानिए पूरी सच्‍चाई

Organic Farming: क्‍या जैव‍िक खेती में सच में है ज्‍यादा मुनाफा? जानिए पूरी सच्‍चाई

Organic Farming Guide: भारत में जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इससे हर किसान को तुरंत मुनाफा हो. शुरूआती वर्षों में पैदावार कम होती है और मार्केटिंग व सर्टिफिकेशन की चुनौतियां भी हैं. लागत भी कम नहीं होती, क्योंकि जैविक खाद व श्रम पर खर्च बढ़ता है.

Organic farming success myth vs realityOrganic farming success myth vs reality
प्रतीक जैन
  • Noida,
  • Jun 14, 2025,
  • Updated Jun 14, 2025, 11:34 PM IST

भारत में जैविक खेती को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. बड़ी संख्‍या में किसान इस पद्धति से खेती करने के लिए आगे भी आ रहे हैं. मध्‍य प्रदेश और सिक्किम सहित कई राज्‍य जैवि‍क खेती में अग्रणी भू‍मि‍का निभा रहे हैं. वहीं, देश-विदेश में जैव‍िक उत्‍पादों की मांग भी अच्‍छी है और यह बढ़ती ही जा रही है. जैवि‍क उत्‍पादों का वैश्‍विक बाजार खरबों रुपयों का है. कहा जाता है कि जैव‍िक खेती पारंपरिक खेती के मुकाबले अच्‍छा मुनाफा दिलाती है. ऐसे में आइए जानते हैं, क्‍या वाकई में जैविक खेती हर किसी को फायदा दिलाती है या यह एक मिथक है? जानिए...

जैविक खेती में हमेशा मुनाफा होता है?

यह एक मि‍थक है कि जैविक खेती में हमेशा भारी मुनाफा ही होता है. खासकर ग्रामीण इलाकों में पर्याप्‍त सुविधाएं (ट्रांसपोर्ट, स्‍टोरेज) न होने के कारण किसानों को उच‍ित मुनाफा कमाने में कठ‍ि‍नाइयों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, जैव‍िक खेती से  शुरुआत के 2–3 सालों में अच्‍छा मुनाफा ले पाना कठिन होता है, क्‍योंकि फसल की पैदावार 20 से 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है. यही वजह है कि मुनाफा सीमित हो जाता है.

जैवि‍क‍ खेती में लागत कम आती है? 

लोगों में यह राय बनी हुई है कि जैवि‍क खेती में लागत कम आती है, लेकिन यह अधूरी सच्‍चाई है. जैवि‍क खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों की तरह महंगे उत्‍पाद भले ही न लगें. लेकिन जैविक खाद और कीटनाशकों का इस्‍तेमाल ज्‍यादा मात्रा में होता है, जिससे लागत बढ़ती है. साथ ही इसमें श्रम लागत में भी इजाफा होता है. हालांकि, यह रासायनि‍क खेती के मुकाबले थोड़ी कम खर्चीली होती है.

सरकारी सब्सिडी से होती है मदद?

वैसे तो केंद्र और राज्‍य सरकारें जैव‍िक खेती को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की कई योजनाएं चला रही हैं. लेकिन हर किसान को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में कई किसान सरकारी मदद के बिना ही जैव‍िक खेती तो करते हैं, लेकिन उतना ज्‍यादा मुनाफा नहीं कमा पाते, जितना मदद मिलने पर कमा सकते हैं. 

जैवि‍क उत्‍पाद हाथोंहाथ बाजार में बिक जाते हैं?

जैव‍िक उत्‍पादों को लेकर यह कहा जाता है क‍ि ये उत्‍पाद हाथोंहाथ बाजार में ऊंचे दाम पर बिक जाते हैं. लेकिन यह भी आधा सच है. इस राह में मार्केटिंग सबसे बड़ी चुनौती है, क्‍योंकि इसके लिए सर्टिफि‍केशन जरूरी है. ऐसे में अगर आप पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं तो उत्‍पादों को बाजार में बेच पाना मुश्किल है. हालांकि, स्‍थानीय स्‍तर पर बिक्री संभव है, लेकिन यह स्‍केलेबल नहीं है. वहीं, विदेशों में महंगे दाम पर उत्‍पाद बेचने के लिए सर्टिफिकेशन बेहद जरूरी है. साथ ही इसकी प्रक्रिया भी अभी लंबी है, लेकिन सरकारें कोशिश कर रही है कि कम से कम कागजी कार्यवाही में प्रोसेस को पूरा किया जा सके.

जैव‍िक खेती में कैसे पाएं सफलता?

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो जैव‍िक खेती में सफलता के लिए कई बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. जानिए वो कौन-सी शर्तें है, जिनका पालन कर जैवि‍क खेती एक सफल उद्यम बन सकती है.

  • उपभोक्ता को सीधी बिक्री यानी डायरेक्‍ट मार्केटिंग से ही जैवि‍क फसलों पर उच्‍च मूल्‍य हासिल की जा सकती है. क्‍योंकि अगर किसी और के जरिए बाजार में उत्‍पाद पहुंचते हैं तो उसका मार्जिन भी देना पड़ता है. ऐसे में कमाई का थोड़ा हिस्‍सा बंट जाता है.
  • बाजार की मांग के अनुसार उच्च मूल्य वाली फसलों की जैव‍िक खेती में ही ज्‍यादा मुनाफा है. आम तौर पर बाजार में हल्दी, अदरक, मसाले आदि जैसे जैव‍िक उत्‍पादों की बाजार में काफी मांग रहती है. साथ ही अब जैवि‍क तरीके से उगाए गए गेहूं, बासमती चावल का बाजार भी बढ़ रहा है.
  • जैव‍िक खेती में सफलता के लिए प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) अब अनिवार्य से हो गया है. साथ ही अगर किसान समूह से जुड़ाव हो सके तो यह भी सफलता की सीढ़ी बन सकता है.
  • सिर्फ जैव‍िक खेती के भरोसे न रहें. इसके साथ ही पूरक आय स्रोत पर भी ध्‍यान केंद्रि‍त करें. किसान इसके साथ ही वर्मी कम्पोस्ट, डेयरी, एग्री-टूरिज्म को आय का साधन बनाकर जैव‍िक खेती में सफलता हासिल कर सकते हैं.

जैविक खेती में मुनाफा तो संभव है, लेकिन यह कम समय में हासिल नहीं किया जा सकता. इसके लिए सही रणनीति, तकनीकी जानकारी, धैर्य और मजबूत मार्केट नेटवर्क की जरूरत है. अगर किसान यह सोचकर शुरुआत करता है कि जैविक खेती में लागत नहीं के बराबर और मुनाफा बहुत ज्यादा है, तो यह एक भ्रम है. असली सफलता उन्हें ही मिलती है, जो लंबी योजना और समझदारी से इसमें कदम रखते हैं.

नोट: किसान तक जैव‍िक और प्राकृतिक खेती जैसी टिकाऊ पद्धतियों का समर्थन करता है. ये पद्धतियां मिट्टी की सेहत को बचाने में सबसे ज्‍यादा कारगर है और साथ ही इनसे कई और फायदे भी जुड़े है.

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