मोरिंगा एक औषधीय पौधा है. इसे सहजन के नाम से भी जाना जाता है. ये एक ऐसी सब्जी है जिसके सारे भाग पोषण से भरपूर होते हैं. इसके लगभग सभी भागों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे इसकी खेती करने वाले किसानों की बंपर कमाई होती है. मौजूदा वक्त में आमतौर पर मोरिंगा का इस्तेमाल भोजन, दवा और पशुओं के चारा आदि में किया जाता है. कम लागत में तैयार होने वाली मोरिंगा की खासियत ये है कि इसकी एक बार बुवाई के 4 साल बाद तक फिर से बुवाई नहीं करनी पड़ती है. ऐसे में अगर आप मोरिंगा की खेती करना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि इसका ऑनलाइन बीज कहां मिलेगा. आइए जानते हैं.
किसान आज कल बागवानी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. वहीं, मौजूदा समय में मार्केट में मोरिंगा की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करने लगे हैं. किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन मोरिंगा के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप इस वेबसाइट के ऑनलाइन स्टोर से खरीद खरीद कर बंपर कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
मोरिंगा स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसकी फलियों से लेकर पत्तियों तक का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में किया जा सकता है. लेकिन क्या आपने कभी मोरिंगा के बीज का इस्तेमाल शरीर की समस्याओं को दूर करने के लिए किया है? यह बीज मोरिंगा की फलियों से मिलता है. दरअसल, जब ये बीज कच्चे होते हैं, तो काफी कोमल होते हैं. लेकिन सूख जाने पर सख्त हो जाते हैं. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई तरह की औषधी के निर्माण के लिए किया जाता है. बता दें कि मोरिंगा यानी सहजन के बीजों का इस्तेमाल भूनकर या फिर उबालकर किया जा सकता है. इसके अलावा इसके बीज से तेल और पाउडर बनाया जा सकता है. ये बीज कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- विटामिन, कैल्शियम, आयरन और अमीनो एसिड से भरपूर होता है.
अगर आप मोरिंगा की खेती करना चाहते हैं तो इसका 50 ग्राम के पैकेट का बीज फिलहाल 42 फीसदी छूट के साथ मात्र 135 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट से खरीद सकते हैं. इसे खरीद कर आप आसानी से मोरिंगा की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
मोरिंगा की खेती में पानी की बहुत जरूरत नहीं होती है और रखरखाव भी कम करना पड़ता है. इसके पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर खरपतवार नष्ट कर दें. फिर 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर 45 x 45 x 45 सेमी. तक गहरे गड्ढे तैयार कर लें. गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी के साथ 10 किलो सड़ी गोबर की खाद का मिश्रण तैयार कर लें. उसके बाद पौधे को लगाएं.