भारत पूरे विश्व में आम (Mango crop) का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है. देश के भीतर 1500 से ज्यादा आम की किस्में मौजूद है. साल के कुछ महीनों को छोड़ दें तो देश में 8 महीने तक आम की उपलब्धता रहती है. हर राज्य में आम की कुछ खास किस्में है, जिनका स्वाद और उनका रंग भी बिल्कुल अलग है. इन्हीं आमों में से गुलाब खास नाम की एक किस्म है, जो स्वाद में मिठास लिए होती है. वहीं इसकी खुशबू लोगों को दूर से ही अपनी तरफ आकर्षित करती है. पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान किसान तक से बातचीत में कहते हैं कि गुलाब खास आम को उन्होंने अपनी नर्सरी में उगाया है. वहीं इस आम की सबसे खास बात है इसकी खुशबू इसकी पत्तियों से लेकर फलों में भी विशेष किस्म के गुलाब की तरह खुशबू होती है, जिसके चलते इसे खाने वालों से नहीं बल्कि चोरों से खतरा रहता है.
देश में फरवरी महीने से ही आम की खेप बाजार में पहुंचने लगती है. इन दिनों महाराष्ट्र का अल्फांसो ही बाजार में पहुंच चुका है, लेकिन अभी दशहरी, लंगड़ा, चौसा, जर्दालू यहां तक कि हिमसागर आम भी बाजार में नहीं पहुंचा है. वहीं आम की एक खास किस्म है. गुलाब खास जिसके आने का इंतजार इसके शौकीनों को है. पद्मश्री से सम्मानित मैंगो मैन कहे जाने वाले कलीमुल्लाह खान बताते हैं कि गुलाब खास आम दूसरे आम से बिल्कुल अलग है. यह आम हल्की लालिमा लिए होता है. वहीं कच्चे आम में भी खुशबू होती है, लेकिन यह जब यह पकने लगता है तो इसकी खुशबू और भी ज्यादा बढ़ जाती है. 400 से 500 ग्राम वजन तक यह होता है. इस आम के बाग देश में कम है. इसी वजह से इसकी कीमतें ज्यादा रहती हैं. सामान्यतया आम 200 से 300 रुपये प्रति किलो के भाव में बिकता है.
ये भी पढ़ें :यूपी में किसानों के मन को भाया मिलेट्स, लक्ष्य से अधिक रकबे पर हुई बुआई
आम की 1500 से ज्यादा किस्में देश में उगाई जाती हैं. हर आम का अपना विशेष स्वाद और आकार होता है. गुलाब खास आम का स्वाद दूसरे आमों से अलग है. इसका स्वाद मिठास के साथ-साथ गुलाब की खुशबू लिए होता है, जिसके चलते यह आम सामान्य आम के मुकाबले काफी महंगा बिकता है. बिहार में किसानों के द्वारा गुलाब खास आम को अब बड़े पैमाने पर उगाए जाने लगा है. हालांकि लखनऊ के मलिहाबाद में भी इस आम के पेड़ मौजूद हैं. दशहरी और लंगड़े के साथ ही गुलाब खास भी तैयार होता है. जून से जुलाई महीने में आम के शौकीनों को यह आम उपलब्ध रहता है.
ये भी पढ़ें :