वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार दिवसीय कर्नाटक के दौरे पर हैं. इस बीच, उन्होंने बुधवार को कोप्पल जिले के मेथागल गांव में किसानों के लिए ट्रेनिंग और एग्रो प्रोसेसिंग के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया. इस केंद्र की स्थापना सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना के तहत की गई है और इसे नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) के सहयोग से चलाया जाएगा. यह पहल किसानों, सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स (SHGs) और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPOs) को फल प्रसंस्करण और मार्केटिंग में दक्षता बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान करेगी.
वित्त मंत्री कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट के अनुसार, यह केंद्र आधुनिक फ्रूट प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए एक प्रमुख हब के रूप में कार्य करेगा. इसके माध्यम से स्थानीय किसानों को अपनी उपज का मूल्य बढ़ाने का अवसर मिलेगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह पहल फल आधारित उद्यमों के लिए एक सतत, बाजार केंद्रित इकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. उनका कहना है कि इस पहल से किसानों को सशक्त बनाने और ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
कोप्पल जिला आम, अमरूद और पपीता की खेती के लिए प्रसिद्ध है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य SHGs और किसानों को FPOs के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर उनके उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करना है. केंद्र में आम का जूस, पल्प और ड्राइ पाउडर बनाने की तकनीक के साथ-साथ पपीता और अमरूद के जूस और पल्प का उत्पादन भी शामिल है. इससे स्थानीय किसानों को लंबे समय तक उपज सुरक्षित रखने, बाजार मूल्य बढ़ाने और स्थायी आय के अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोप्पल जिले की कृषि विविधता बेहद समृद्ध है और यह राज्य के धान उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत योगदान देता है. जिले की उर्वर भूमि में आम, अमरूद, अंगूर, अनार, पपीता और अंजीर जैसी फसलें उगती हैं. उन्होंने किसानों के परंपरागत प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिले.
इस पहल के माध्यम से किसानों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के साथ ही फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकेगा. कॉमन फैसिलिटी सेंटर केवल प्रसंस्करण के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों और एग्रीबिजनेस विशेषज्ञों के बीच सहयोग और प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए भी एक जगह के रूप में काम करेगा. उद्घाटन अवसर पर सीतारमण ने FPOs और SHGs के सदस्यों से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपने स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए थे. उन्होंने नए केंद्र में तैयार उत्पादों की पहली खेप को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
केंद्र से जुड़ी यह पहल न केवल किसानों के लिए आय के नए स्रोत खोलेगी, बल्कि ग्रामीण समुदायों में रोजगार सृजन और कृषि उद्योग के सतत विकास में भी योगदान देगी. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों को नई तकनीक और प्रशिक्षण के जरिए उनके उत्पादों का मूल्य बढ़ाने में सहयोग करना है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में कृषि उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. (एएनआई)