International Cashew Day : कहां से आता है आपका फेवरेट काजू, भारत के किन राज्यों में होती है खेती?

International Cashew Day : कहां से आता है आपका फेवरेट काजू, भारत के किन राज्यों में होती है खेती?

23 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय काजू दिवस मनाया जाता है. इस खबर में आपको बताएंगे कि काजू की खेती के मामले में कौन सा देश आगे है साथ ही ये भी जानेंगे कि देश के कौन से राज्य में काजू की सबसे अधिक खेती होती है.

kajukaju
नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Nov 23, 2025,
  • Updated Nov 23, 2025, 1:10 PM IST

काजू एक पौष्टिक और स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट है जिसमें प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन और मिनरल्स भरपूर होते हैं। यह दिमाग को तेज़, हड्डियों को मजबूत और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है. काजू मिठाइयों का स्वाद बढ़ाता है और तुरंत ऊर्जा देता है. सबसे अच्छी बात ये है कि इसे हर मौसम में खाया जा सकता है. यही कारण है कि देश दुनिया में काजू के महत्व को समझाने और इसको बढ़ावा देने के लिए हर साल 23 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय काजू दिवस मनाया जाता है. काजू आप सब ने जरूर खाया होगा लेकिन ये आता कहां से है इसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है. 

कहां होता है सबसे अधिक काजू?

दुनिया में काजू का सबसे बड़ा उत्पादन देश कोट-दिवॉयर का है. 2022 में इस देश ने लगभग 9.70 लाख टन कच्चे काजू का उत्पादन किया. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक ये देश दुनिया के कुल काजू उत्पादन में लगभग 25 फीसदी योगदान देता है. यहां कच्चे काजू का वार्षिक उत्पादन लगभग 9.70 लाख टन के आसपास बना रहता है, जो इसे वैश्विक बाजार में सबसे बड़ा बाजार बनाता है. इसके बाद वियतनाम और भारत का नाम आता है. 

भारत में कहां होता है काजू?

भारत की बात करें तो देश के कई राज्यों में काजू की खेती की जाती है. लेकिन, सिर्फ इन 6 राज्यों में ही 90 फीसदी काजू का उत्पादन होता है. होमलैंड सिक्योरिटी डिवीजन के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के किसान पारंपरिक खेती के अलावा व्यावसायिक फसलों में काजू की खेती करते हैं. ये 6 राज्य मिलकर देश के कुल काजू उत्पादन में 90 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं. काजू की खेती करने वाले किसान अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं.

कैसी जगहों में होती है काजू की खेती?

काजू एक उष्णकटिबंधीय फसल है. इसके लिए 24-28 डिग्री सेल्सियस (°C) तापमान अच्छा माना जाता है. अधिक ठंडा मौसम और बर्फबारी वाले इलाकों में ये पौधा तैयार नहीं हो पाता है. साथ में कम से कम 4-6 माह का शुष्क मौसम जरूरी होता है ताकि पौधों में फूलना और फल देना आसान हो सके. काजू की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए, ध्यान रहे कि पौधों के आसपास जलभराव की समस्या नहीं होनी चाहिए. इससे कई बार पौधों में कीट और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जैसा कि हमने पहले ही बताया कि  महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर काजू की खेती की जाती है. 

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