
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत का कृषि निर्यात लगभग 12 प्रतिशत बढ़ा है, जिसमें गैर-बासमती चावल, भैंस के मांस और दालों जैसे उत्पादों की खेप में ज्यादा मांग के कारण इस अवधि के दौरान वृद्धि दर्ज की गई.
एपीडा (APEDA) की ओर से मॉनिटर किए जाने वाले कृषि उत्पादों का निर्यात मूल्य अप्रैल-सितंबर 2025-26 के दौरान बढ़कर 13.93 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 12.47 अरब डॉलर था.
वित्तीय वर्ष 26 की पहली छमाही के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात का मूल्य पिछले साल की इसी अवधि के 2.25 अरब डॉलर से 27.6 प्रतिशत बढ़कर 2.87 अरब डॉलर हो गया, जबकि वॉल्यूम में लगभग 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 7.01 लाख टन (4.65 लाख टन) से ज्यादा हो गया.
हालांकि, कम कीमत के कारण बासमती चावल के निर्यात में मामूली गिरावट आई और यह पिछले साल की इसी अवधि के 2.86 अरब डॉलर से घटकर 2.76 अरब डॉलर हो गया.
बासमती चावल के शिपमेंट वॉल्यूम में मामूली वृद्धि हुई और यह 3.16 लाख टन (2.72 लाख टन) से ज्यादा हो गया. भैंस के मांस का निर्यात पिछले साल के 1.86 अरब डॉलर से 17 प्रतिशत बढ़कर 2.18 अरब डॉलर हो गया, जिसका मुख्य कारण ज्यादा वॉल्यूम था. वॉल्यूम 12.65 प्रतिशत बढ़कर 6.23 लाख टन (5.53 लाख टन) हो गया.
अलग-अलग प्रोसेस्ड वस्तुओं का शिपमेंट पिछले साल की इसी अवधि के 8750 लाख डॉलर से मामूली रूप से घटकर 8530 लाख डॉलर हो गया.
एपीडा के अन्य उत्पादों में, ताजे फल, अनाज से बने उत्पाद और प्रोसेस्ड फल और जूस का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान आधा अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया.
ताजे फलों के शिपमेंट का मूल्य 31 प्रतिशत बढ़कर 5300 लाख डॉलर हो गया, जबकि अनाज से बने उत्पादों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 5100 लाख डॉलर (पहले 4520 लाख डॉलर) हो गया. प्रोसेस्ड फलों और जूस का एक्सपोर्ट 7.5 परसेंट बढ़कर 5020 लाख डॉलर (4670 लाख डॉलर पहले) हो गया, जबकि ताजी सब्जियों की शिपमेंट वैल्यू थोड़ी कम होकर 4180 लाख डॉलर (4380 लाख डॉलर पहले) रह गई.
प्रोसेस्ड सब्जियों का एक्सपोर्ट पिछले साल के 3810 लाख डॉलर से बढ़कर 4150 लाख डॉलर हो गया. दालों की शिपमेंट में भी इस दौरान 25 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 4350 लाख डॉलर (पहले 3480 लाख डॉलर) हो गई.