Stubble Burning:पंजाब के किसानों को पराली न जलाने के प्रोत्साहित करने के मकसद से अमृतसर के जिला प्रशासन ने एक बड़ी पहल शुरू की है. इस पहल के तहत प्रशासन ने पराली न जलाने वाले किसानों को मान्यता देने और उन्हें सम्मानित करने का फैसला किया है. प्रशासन ने पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाने वाले किसानों को 'वरीयता कार्ड' जारी करने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि पराली को दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों में होने वाले वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट ने अमृतसर जिले की डीसी साक्षी साहनी के हवाले से बताया है कि इस कार्ड के जरिए किसान सेवा केंद्रों, फर्द केंद्रों और बाकी सरकारी कार्यालयों में प्रयॉरिटी सर्विसेज का फायदा उठा सकेंगे. इसके अलावा, उन्हें सभी सरकारी कार्यालयों में पार्किंग फीस से भी छूट दी जाएगी. प्रशासन ने उन गांवों को आर्थिक सहायत प्रदान करने का फैसला किया है जिन्होंने पराली न जलाने की प्रथा अपनाई है.
डीसी साहनी ने जोर देकर कहा कि प्रशासन इन किसानों को कृषि उपकरणों पर छूट प्रदान करने के लिए निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. इसके अलावा, उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए विशेष निमंत्रण और गिफ्ट्स भी मिलेंगे. इस पहल का मकसद किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियां अपनाने और पराली जलाने को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो पर्यावरण प्रदूषण में योगदान देता है.
पर्यावरण के प्रति जागरूक किसानों को मान्यता देकर और उन्हें पुरस्कृत करके, प्रशासन कृषि क्षेत्र में स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहता है. किसानों के साथ एक मीटिंग के दौरान, मुख्य कृषि अधिकारी बलजिंदर सिंह भुल्लर ने किसानों को सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने और कृषि विश्वविद्यालयों व कल्याण विभाग के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि प्रशासन के प्रयासों से जिले के पर्यावरण और कृषि समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
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