ICAR ने वेणुगोपाल बदरवाड़ा की सदस्‍यता छीनकर दिखाया बाहर का रास्‍ता, जानिए पूरा मामला

ICAR ने वेणुगोपाल बदरवाड़ा की सदस्‍यता छीनकर दिखाया बाहर का रास्‍ता, जानिए पूरा मामला

आईसीएआर ने बदरवाड़ा पर आरोप लगाया है कि वह पिछले 7-8 महीनों से सरकार, DARE, ICAR के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ तुच्छ, निराधार और भौतिक रूप से असमर्थित आरोप लगाने जैसे कई मेल भेज रहे हैं. साथ ही आईसीएआर और भारत सरकार के बनाए नियमों और प्रक्रियाओं के खिलाफ मांग कर रहे हैं. 

ICAR expelled Venugopal BadaravadaICAR expelled Venugopal Badaravada
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 07, 2025,
  • Updated May 07, 2025, 7:04 PM IST

आईसीएआर ने वेणुगोपाल बदरवाड़ा की आईसीएआर सोसायटी के शासी निकाय और आम सभा में किसान प्रतिनिधि की उनकी सदस्‍यता वापस ले ली है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री की ओर से उन्‍हें 8 सितंबर 2023 से 7 सितंबर 2026 तक के लिए आईसीएआर सोसायटी के शासी निकाय और सामान्य निकाय में किसान प्रतिनिधि के रूप में नॉमिनेट किया था. लेकिन, उनका टर्म पूरा होने से पहले सदस्‍यता को खत्‍म कर दिया गया है.

आईसीएआर ने बदरवाड़ा पर आरोप लगाया है कि वह पिछले 7-8 महीनों से सरकार, DARE, ICAR के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ तुच्छ, निराधार और भौतिक रूप से असमर्थित आरोप लगाने जैसे कई मेल भेज रहे हैं. साथ ही आईसीएआर और भारत सरकार के बनाए नियमों और प्रक्रियाओं के खिलाफ मांग कर रहे हैं. 

'आईसीएआर की छवि को पहुंचाया नुकसान'

आईसीएआर ने आरोप लगाया कि वह सोसायटी के शासी निकाय सदस्य की हैसियत से मीडिया हाउस को प्रेस रिलीज जारी कर रहे हैं, जिससे संगठन के हितों के खिलाफ काम हो रहा है. उनके इन कृत्यों की वजह से आईसीएआर की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है. उन्‍होंने बॉडी के सदस्य होने के अपने मूल उद्देश्य का उल्लंघन किया है और इस तरह आईसीएआर सोसायटी के जनरल बॉडी और गवर्निंग बॉडी के सदस्य होने के नाते खुद को अनुचित कृत्यों में शामिल किया है. 

जांच में सहयोग के लिए पैसे और अन्‍य मांगे की: ICAR

आईसीएआर ने कहा कि जब सतर्कता प्रभाग ने उनकी विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई के लिए शिकायतों की पुष्टि करने और केंद्रीय सतर्कता मैनुअल में निर्धारित पहचान प्रमाण देने के लिए अनुरोध किया तो उन्होंने खुद से लगाए आरोपों की जांच में सहयोग करने के लिए अनुचित वित्तीय और रसद संबंधी मांगें कीं. 

आईसीएआर ने आरोप लगाया कि जांच में सहयोग के लिए उन्‍होंने हर ऑनलाइन सेशन में मौजूद रहने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्‍यादा की फीस की मांग की और व्यक्तिगत रूप से मौजूद होने के लिए न्यूनतम पांच सौ करोड़ रुपये का व्यक्तिगत बीमा कवर, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में एक फुल स्टाफ वाले हाई सेक्‍यूरिटी ऑफिस बनाने, एक चार्टर प्‍लेन, प्रीमियम आवास, व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की मांग की.

ICAR ने जांच प्रक्रिया को लेकर कही ये बात

इसके अलावा उन्होंने संकेत दिया कि व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने की फीस पर बातचीत की जा सकती है. आईसीएआर ने कहा कि शिकायतों की जांच की प्रक्रिया में इस तरह की अनुचित मांग से यह संकेत मिलता है कि वह अपनी शिकायतों को आगे बढ़ाने में ईमानदार नहीं थे और ऐसी शिकायतें बिना किसी आधार और तथ्यों के की गई थीं. बिना किसी आधार और तथ्यों के सरकार और संगठन के उच्च अधिकारियों पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना गैरजिम्मेदारी का गंभीर काम है और आईसीएआर सोसायटी की सामान्य निकाय और शासी निकाय के सदस्य के लिए यह अनुचित है.

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