राजस्थान की इस मंडी में 5 रुपये किलो बिक रहा प्याज, 17 नवंबर को विरोध में धरना देंगे किसान

राजस्थान की इस मंडी में 5 रुपये किलो बिक रहा प्याज, 17 नवंबर को विरोध में धरना देंगे किसान

राजस्थान में प्याज की सही कीमत न मिलने से किसान काफी परेशान हैं. इसको लेकर किसान जयपुर में 17 नवंबर को सरकार के खिलाफ धरना देंगे. बता दें कि  प्याज के दामों में वर्ष 2019 के फरवरी महीने के बाद से सितंबर 2025 तक 49.5 फीसदी की गिरावट आई है.

प्याज की कीमतों में गिरावटप्याज की कीमतों में गिरावट
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 27, 2025,
  • Updated Oct 27, 2025, 11:24 AM IST

प्याज के दामों में वर्ष 2019 के फरवरी महीने के बाद से सितंबर 2025 तक 49.5 फीसदी की गिरावट आई है. इसकी पुष्टि ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ ने भी की है. यह सरकार की आयात-निर्यात सहित अन्य नीतियों का परिणाम है. देश में 35 फीसदी तक के उत्पादन वाले महाराष्ट्र राज्य में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल नष्ट होने पर भी सरकारी आंकड़ा इस गिरावट का कारण प्याज की आपूर्ति में अधिकता को बता रहा है. सरकार के आकलन के अनुसार 1 किलो प्याज की उत्पादन लागत 8 से लेकर 10 रुपये प्रति किलो है.

मंडियों में प्याज के नहीं मिल रहे दाम

इस मुद्दे को लेकर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि किसानों को राजस्थान के खैरथल मंडी में 1 किलो प्याज 5 रुपये में बेचने को विवश होना पड़ रहा है, जिन उपजों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ घोषित नहीं होते सरकार ने इस प्रकार के आकस्मिक घाटों से उनके उत्पादकों को बचाने के लिए ‘बाजार हस्तक्षेप योजना’ बनाई हुई है, लेकिन सरकार ने उसके लिए अभी कार्यवाही आरंभ भी नहीं की है.  

MSP पर नहीं हो रही फसलों की खरीद

इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ घोषित होने के बाद भी सरकारी खरीद की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को मक्का, उड़द, मूंगफली, मूंग, बाजरा, सोयाबीन, कपास जैसी उपजों को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से कम दामों पर बेचने को विवश होने से एक क्विंटल पर 3000 रुपये तक का घाटा उठाना पड़ रहा है. तब भी सरकार ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने को तैयार नहीं हैं.  

17 नवंबर को किसान देंगे धरना

राजस्थान सरकार की ओर से किसान महापंचायत के प्रतिनिधिमंडल के साथ 3 अक्टूबर 2025 को हुई वार्ता में किसानों की मांगों पर बनी सहमति के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा सार्थक कार्यवाही नहीं की गई है. इससे किसानों में उपजे असंतोष को व्यक्त करने के लिए 17 नवंबर सोमवार को किसान महापंचायत की ‘प्रदेश कार्य समिति’ जयपुर के शहीद स्मारक पर और जिला समितियां जिला मुख्यालयों पर धरना आयोजित करेंगी. वहीं, 6 अक्टूबर की स्थगित “अन्नदाता हुंकार रैली’ के स्थान पर 30 दिसंबर 2025 को जयपुर में आयोजन का निश्चय किया गया है. ये विचार आज प्रदेश के प्रमुख कार्यकर्ताओं की लाल कोठी जयपुर में स्थित किसान भवन में संपन्न बैठक को संबोधित करते हुए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया.

किसान महापंचायत के ये लोग रहे शामिल

26 अक्टूबर की बैठक 6 अक्टूबर को स्थगित की गई “अन्नदाता हुंकार रैली” और आगामी  रणनीति पर विचार करने के लिए की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घासीराम फगोडिया और रोतास बोहरा, प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपीराम डबास, प्रदेश महामंत्री सुंदरलाल भावरिया और जगदीश नारायण खुडियाला, प्रदेश मंत्री भल्लाराम और मनजिंदर सिंह अटवाल, युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, जिला अध्यक्षों में क्रमशः जयपुर, खैरथल-तिजारा और टोंक के रामधन गुर्जर, वीरेंद्र क्रांतिकारी और गोपीलाल जाट, अजमेर जिला महामंत्री चतुर्भुज चौधरी, तहसील अध्यक्षों में  हरसौली के शेर सिंह दहिया और मुंडावर के रामभरोस यादव, कोटखावदा तहसील के अध्यक्ष गोपाल मीणा, दूदू उपखंड उपाध्यक्ष रामकिशोर दाधीच, श्रीमाधोपुर तहसील के उपाध्यक्ष मुरलीधर मोड जैसे प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

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