प्रकृति ने इंसानों और जीवों को बनाने से पहले उनकी जरूरत की हर चीज का ध्यान रखा और पहले उनका निर्माण किया. जीवों के इस्तेमाल में आने वाले औषधीय पौधों का निर्माण किया. ऐसा ही एक पौधा है हुरहुर, यह एक बहुत ही गुणकारी औषधीय पौधा होता है. ये पौधा बरसात के मौसम में घरों, मैदानी इलाकों, खेत खलिहानों और जंगलों में देखा जाता है. इस पौधे को हुलहुल और सूर्यभक्त के नाम से भी जाना जाता है. हुरहुर की पत्तियों का रस काफी गुणकारी होता है. दरअसल जाने माने इथनो बॉटनिस्ट और वैज्ञानिक डॉ. दीपक आचार्य की बुक जंगल लैबोरेटरी में दी गई जानकारी के अनुसार हुरहुर की पत्तियों के रस की चार बूंद कान में डालने से कान के दर्द से तुरंत आराम मिलता है. इसको लेकर गुजरात के डांग जिले के आदिवासी मानते हैं कि यह रस बहरेपन को भी दूर करता है और काफी फायदेमंद होता है.
वहीं अगर इसकी पत्तियों को कुचलकर किसी सूती कपड़े के सहारे कान के ऊपर बांध दिया जाए तो यह कान में होने वाली सूजन को भी कम करता है. इसके अलावा यह नाक की सूजन और दर्द के लिए भी लाभकारी होता है. वहीं इसके पत्ते में कई चमत्कारी गुण हैं. आइए जानते हैं क्या है हुरहुर के फायदे.
इस वनस्पति के पौधे बरसात के दिनों में बहुत पैदा होते हैं. यह पौधा डेढ़ फुट से लेकर ढाई फुट तक ऊंचा होता है. यह पौधा नीचे से एक डंडी में सीधा बढ़कर ऊपर झूमर के समान अनेक शाखाओं में फैल जाता है. इसके सारे पौधे पर सफेद रंग का चिकना रूआ होता हैं. इसके पत्तों में एक प्रकार की हींग के समान गंध आती है. वहीं इसके फूल पीले रंग के होते हैं. इसकी फलियां आधे से लेकर लगभग 4 इंच तक लंबी होती है.
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हुरहुर के कई फायदे हैं. यह सूजन को घटाती है, चर्म रोग, खुजली, कुष्ठ रोग, मलेरिया, बुखार, और पेशाब संबंधी रोगों के लिए उपयोगी मानी जाती है. इसके अलावा यह खून को बढ़ाती है और कानों के रोग और कफ रोगों को दूर करती है. इसके पत्तों का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और आंतों की खराबी को मिटाती है. वहीं इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे का निखार भी बढ़ता है. इससे होने वाले लाभों को देखते हुए लोगों को इसका सेवन करना चाहिए.
हुरहुर खरपतवार की तरह उगता है. यह बात अलग है कि खाद्यान्नों और फसलों की ज्यादा पैदावार के लिए इन खरपतवारों को किसान उखाड़ कर फेंक देते है. वहीं किसानों को अगर खरपतवारों के औषधीय गुणों की जानकारी हो तो वो इन्हें उखाड़ कर फेंकने जलाने या जमीन में दबाने के बजाए औषधीय तौर पर उपयोग में ला सकते हैं.