किसानों से मनमाना किराया वसूलने पर होगी कार्रवाई, ट्रैक्‍टर और कृषि मशीनों के लिए ये Rate Fix

किसानों से मनमाना किराया वसूलने पर होगी कार्रवाई, ट्रैक्‍टर और कृषि मशीनों के लिए ये Rate Fix

हमीरपुर में कृषि सेवाओं के मनमाने दाम रोकने के लिए जिला प्रशासन ने ट्रैक्टर, पावर टिलर, रीपर और ब्रश कटर से जुड़ी दरें निर्धारित की हैं. जो किसानों को राहत देंगी. कृषि विभाग ने कहा कि नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

agricultural machine Rent Fix Hamirpuragricultural machine Rent Fix Hamirpur
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 09, 2025,
  • Updated Dec 09, 2025, 12:28 PM IST

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में छोटे किसानों की बढ़ती शिकायतों के बाद कृषि विभाग ने बुवाई, जुताई, कटाई और मड़ाई जैसी जरूरी कृषि सेवाओं के लिए अधिकृत दरें (Rate) तय कर दी हैं. लंबे समय से किसान मनमाने दाम वसूलने की समस्या उठा रहे थे, जिसके चलते जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा. अब कृषि विभाग के उप निदेशक शशिपाल अत्री ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों ने से संकेत मिल रहे थे कि कई इलाकों में ट्रैक्टर मालिक और कृषि उपकरण संचालक मनचाही कीमतें वसूल रहे थे, जिससे छोटे और सीमांत किसान सबसे अधिक प्रभावित हो रहे थे.

उपायुक्त हमीरपुर ने तय की नई दरें

इसी परिस्थिति को देखते हुए उपायुक्त हमीरपुर ने कृषि कार्यों की अधिकतम दरें मंजूर की हैं. नई दरों के अनुसार ट्रैक्टर से जुताई और बोवाई की कीमत 1,200 रुपये प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

रोटावेटर से जुताई 1,320 रुपये प्रति घंटा और हार्वेस्टिंग और थ्रेशिंग भी 1,320 रुपये प्रति घंटा तय हुई है. वहीं, पावर टिलर से बुवाई 500 रुपये प्रति घंटा, रीपर से कटाई 1,300 रुपये प्रति घंटा और ब्रश कटर से कटाई 400 रुपये प्रति घंटा ली जाएगी.

इतना ज्‍यादा पैसा वसूल रहे थे उपकरण संचालक

ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके पहले ट्रैक्टर मालिक 2,000 रुपये प्रति घंटा तक वसूल रहे थे, जबकि पावर टिलर की दरें 1,500 रुपये और ब्रश कटर से कटाई के लिए 600 रुपये प्रति घंटा तक ली जा रही थीं.

ज्‍यादा पैसा वसूलने पर होगी कार्रवाई

विभाग का कहना है कि नई दरें लागू होते ही किसानों को राहत मिलेगी और कृषि लागत पर बेहतर नियंत्रण स्थापित होगा. प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई चालक या उपकरण मालिक निर्धारित दर से अधिक वसूली करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

सेब किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह

इधर, प्रदेश के कई सेब उगाने वाले इलाकों में इस साल फंगल बीमारियों का तेज प्रकोप देखने को मिल रहा है. नौनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बागों के निरीक्षण में पाया कि लगातार नमी और किसानों की गलत स्प्रे मैनेजमेंट तकनीकें मुख्य वजह हैं. अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट से पेड़ों की पत्तियां समय से पहले गिर रही हैं, जिससे फल की क्वालिटी और उत्पादन दोनों प्रभावित हो रहे हैं.

वैज्ञानिकों ने बताया कि किसान स्प्रे टैंक में फंगीसाइड, इंसेक्टिसाइड और न्यूट्रिएंट्स एक साथ मिलाकर दवाओं का असर घटा देते हैं और जरूरत से ज्यादा पेस्टिसाइड उपयोग कर पेड़ों को कमजोर कर रहे हैं. टीम ने सही स्प्रे शेड्यूल, केमिकल कम्पैटिबिलिटी चार्ट, गुणवत्तापूर्ण पेस्टिसाइड उपलब्धता और मिट्टी की जरूरत के आधार पर खाद के इस्‍तेमाल की सलाह दी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

MORE NEWS

Read more!