Mustard Greens: 30 दिन में तैयार होती है फसल, जानें कैसे की जाती है सरसों के साग की खेती

Mustard Greens: 30 दिन में तैयार होती है फसल, जानें कैसे की जाती है सरसों के साग की खेती

सरसों के साग की खेती अक्टूबर से नवंबर के महीने में सबसे अच्छी होती है. 25 से 30 दिन के भीतर फसल तैयार हो जाती है. सरसों का बीज 4 से 14 दिनों में अंकुरित होने लगता है. साग की ग्रोथ तेजी से होती है. हर 10 दिन बाद थोड़ा-थोड़ा वर्मीकंपोस्ट डालना चाहिए.

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क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Jan 27, 2025,
  • Updated Jan 27, 2025, 1:22 PM IST

भारत में खेती-किसानी के तरीके तेजी से बदल रहे हैं. किसान पारंपरिक फसलों की जगह आधुनिक खेती कर रहे हैं. कई किसान सब्जियों की खेती कर रहे हैं और लाखों की कमाई कर रहे हैं. किसान कम समय में ज्यादा मुनाफा वाली फसलें उगा रहे हैं. सरसों का साग उगाना भी ऐसा ही है. कम समय में फसल तैयार हो जाती है और इससे मुनाफा भी अच्छा-खासा होता है. सरसों का साग 25 से 30 दिन में तैयार हो जाता है. चलिए आपको सरसों के साग की खेती करने के तरीके बताते हैं?

30 दिन में तैयार हो जाता है साग-

सरसों का साग 25 से 30 दिन के भीतर तैयार हो जाता है. सरसों का बीज 4 से 14 दिनों में अंकुरित होने लगता है. साग की ग्रोथ तेजी से होती है. हर 10 दिन बाद थोड़ा-थोड़ा वर्मीकंपोस्ट डालना चाहिए. 25 दिनों के बाद ये साग पूरी तरह से तैयार हो जाता है. उसके बाद इसको काटकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

साग की खेती के लिए मिट्टी-

सरसों का साग वैसे तो हर तरह की मिट्टी उग सकता है. लेकिन सबसे अच्छी फसल बलुई दोमट मिट्टी में होती है. सरसों का साग उगाने के लिए बीजों को सीधे मिट्टी में बोना होता है. साग की बुआई के लिए मिट्टी को अच्छी तरह से जुताई करें. पहली बार जुताई करते समय ही एक हेक्टेयर में 4-5 टन गोबर की खाद इस्तेमाल करें.

सरसों की खेती वैसे तो पूरे साल होती है, लेकिन सर्दी में अच्छी साग होती है. अच्छे उत्पादन के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए.

कब देना चाहिए पानी-

जब तक मिट्टी में नमी रहे, तब तक पानी का छिड़काव ना करें. जब मिट्टी हल्की-हल्की सूखने लगे तो पानी का छिड़काव करें. इसका बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि खेत में ज्यादा पानी ना हो, इससे साग की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है.

सरसों के साग को 25 दिन के बाद काटा जा सकता है. साग को कैंची से काटा जा सकता है. पौधे से कई बार साग निकाल सकते हैं. सरसों की छोटी पत्तियां अधिक कोमल और कम कड़वी होती है. अगर जड़ से निकाल लेंगे तो फिर से बीजों की बुआई करनी पड़ेगी. इसलिए पौधे से पत्तियों का काटते रहना चाहिए. इससे पत्ते बढ़ते रहेंगे.

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