आम हमेशा से ही कई लोगों का पसंदीदा फल रहा है. गर्मियां जैसे ही दस्तक देने वाली होती हैं, इसका मीठा, रसीला स्वाद और खुशबूदार सुगंध याद आने लगती है. भारत में यूं तो आम की कई किस्में हैं लेकिन अल्फॉन्सो या हापुस का जिक्र पूरी दुनिया में होता है. यह आम अपने अनोखे स्वाद और बनावट के लिए जाना जाता है. 'आमों के राजा' के तौर पर मशहूर अल्फॉन्सो आम का इतिहास सदियों पुराना है. वहीं इसके नाम की कहानी अपने आप में बहुत ही रोचक है. जानिए अल्फॉन्सो की कहानी जो कोंकण से निकलकर आज दुनिया को महका रहा है.
अल्फांसो आम का नाम दरअसल अफोंसो डी अल्बुकर्क के नाम पर पड़ा है. अल्बुकर्क एक पुर्तगाली जनरल और राजनेता थे जिन्होंने 16वीं शताब्दी के दौरान भारत में पुर्तगाली कॉलोनियों को स्थापित करने में मदद की थी. अल्फॉन्सो आम की खेती सबसे पहले महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में की गई थी जो देश के पश्चिमी तट पर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि अल्फॉन्सो आम का पहला पेड़ पुर्तगालियों ने सन् 1500 के दशक की शुरुआत में वेंगुर्ला शहर में लगाया गया था. इतिहासकारों की मानें तो अल्बुकर्क ने मलेशिया से अल्फॉन्सो की कलम मंगवाई और 16वीं शताब्दी के दौरान उन्हें गोवा में बोया था. इन आमों को फिर गोवा के वायसराय को गिफ्ट किया गया था.
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अल्फॉन्सो आम एक उष्णकटिबंधीय फल है जो गर्म और आर्द्र जलवायु में पनपता है. मुंबई से गोवा तक फैला कोंकण क्षेत्र हापुस आम के उगने के लिए एकदम सही जलवायु प्रदान करता है. अपने कभी न भूलने वाले स्वाद के लिए मशहूर अल्फॉन्सो आम के लिए रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और देवगढ़ खासतौर पर जाने जाते हैं. इन क्षेत्रों की मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर है और इन आमों की की खेती के लिए एकदम सही है. हापुस या अल्फॉन्सो की फसल आमतौर पर मार्च और जून के बीच काटी जाती है. जबकि इनका पीक सीजन अप्रैल से मई तक होता है.
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हापुस आम को इतना ज्यादा पसंद किया जाता है तो इसकी वजह है इसका स्वाद और बनावट. यह फल अपने पल्प, बनावट और मीठे, तीखे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसका पल्प या गूदा सुनहरे पीले रंग का होता है और इसमें रेशेदार रेशे नहीं होते. इस वजह से इसे खाना बहुत आसान होता है. इसकी खुशबू भी अपने आप में खास होती है और इसे नजरअंदाज करना मुश्किल होता है. हापुस न सिर्फ केवल भारत में मशहूर है, बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों में भी इसकी बहुत मांग है.असल में इस आम को दुनिया की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है. हापुस को अमेरिका, यूके और मीडिल ईस्ट जैसे देशों तक निर्यात किया जाता है. इन देशों में यह हापुस या अल्फॉन्सो प्रीमियम कीमत पर बेचा जाता है.