मोटे अनाज के फायदे, गेहूं-चावल से हेल्दी हैं मिलेट्स, जानिए क्यों करें इन्हें डाइट में शामिल

मोटे अनाज के फायदे, गेहूं-चावल से हेल्दी हैं मिलेट्स, जानिए क्यों करें इन्हें डाइट में शामिल

मोटे अनाज जैसे रागी, बाजरा, ज्वार, कोदो गेहूं-चावल से कैसे बेहतर हैं? जानिए इनके हेल्थ बेनिफिट्स, वजन घटाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और बीमारियों से बचाने के लिए क्यों जरूरी हैं मिलेट्स.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 28, 2025,
  • Updated Aug 28, 2025, 7:43 AM IST

आजकल लोग हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए गेहूं और चावल की जगह मोटे अनाज (Millets) को डाइट में शामिल कर रहे हैं. इसमें कुटकी, कंगनी, कोदो, चीना, बाजरा, ज्वार, रागी और कुट्टू जैसे अनाज आते हैं. ये सभी ग्लूटेन फ्री होते हैं और शरीर को कई तरीकों से फायदा पहुंचाते हैं. यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को "इयर ऑफ मिलेट्स" (Year of Millets) घोषित किया. नीचे जानते हैं कि मोटे अनाज गेहूं और चावल से कैसे ज्यादा फायदेमंद हैं और किन-किन बीमारियों से बचाने में ये मदद करते हैं.

रागी: हड्डियों को मजबूत और इम्यूनिटी बूस्टर

रागी एक बहुत ही पॉपुलर मोटा अनाज है. इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, पोटैशियम और डाइटरी फाइबर पाया जाता है. यह ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है. कुछ रिसर्च बताते हैं कि रागी कैंसर, खासकर स्तन कैंसर, से बचाव में मददगार है. साथ ही, यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर की सूजन को भी कम करता है.

कुटकी और कंगनी: दिल और दिमाग के लिए फायदेमंद

कुटकी में बहुत अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है. यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है.

कंगनी (Foxtail Millet) में विटामिन B और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचाव में सहायक हैं.

कोदो और बाजरा: वजन घटाएं और स्किन-हेयर सुधारें

कोदो में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं. इसके एंटी-एलर्जिक गुण शरीर को संक्रमण से बचाते हैं. बाजरा में प्रोटीन, फाइबर, फॉस्फोरस, आयरन, फोलेट और सोडियम जैसे तत्व होते हैं. इसमें फाइबर अधिक होता है जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और वजन घटाने में मदद मिलती है. बाजरा सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है और बालों, स्किन और नेल्स के लिए बहुत फायदेमंद है.

मिलेट्स क्यों हैं हेल्दी? जानें खेती से जुड़ी खास बात

डायटीशियन वंदना शर्मा के अनुसार, गेहूं और चावल की तुलना में मोटे अनाज की खेती में कम पानी और कम रसायन लगते हैं. ये प्राकृतिक रूप से उगते हैं और इनमें कम कैलोरी होती है.
डॉ. संजय महाजन बताते हैं कि ज्वार, बाजरा, रागी जैसे अनाज थोड़ी मात्रा में खाने से ही पेट भर जाता है. इनमें अमीनो एसिड होता है, जिससे इनका प्रोटीन गेहूं-चावल से बेहतर माना जाता है.

एक दिन में कितना मोटा अनाज खाना चाहिए?

IIMR (Indian Institute of Millets Research) के अनुसार, दिनभर में 100-200 ग्राम मोटा अनाज लेना काफी है. इनमें ट्रिप्टोफेन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है, जो भूख को कम करता है और वजन नियंत्रित रखने में मदद करता है.

किन लोगों को मोटा अनाज नहीं खाना चाहिए?

  • मोटे अनाज के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ लोगों को इससे बचना चाहिए:
  • किडनी के मरीज: ज्वार और बाजरा में पोटैशियम अधिक होता है, जिससे समस्या हो सकती है.
  • जोड़ों के दर्द वाले: मोटे अनाज यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं.
  • लो ब्लड प्रेशर के मरीज: ज्वार सोडियम को कम करता है, इसलिए अवॉइड करें.
  • पथरी के मरीज: रागी में ऑक्सालेट होता है, जिससे पथरी की संभावना बढ़ जाती है.
  • हाइपोथायरॉइड के मरीज: मोटे अनाज में गोइट्रोजेन्स होता है, जो आयोडीन को अब्जॉर्ब नहीं होने देता.

मोटे अनाज यानी मिलेट्स को अपनी डाइट में शामिल करके आप स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं. ये न सिर्फ शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से बचाव में भी सहायक हैं. बस ध्यान रहे कि इनका सेवन आपकी सेहत के अनुसार और सही मात्रा में ही करें.

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