Diesel Price: सरकार के इस कदम से तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा, डीजल और कच्चे तेल पर बड़ी राहत दी 

Diesel Price: सरकार के इस कदम से तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा, डीजल और कच्चे तेल पर बड़ी राहत दी 

तेल वितरण कंपनियों का मुनाफा बढ़ने वाला है, क्योंकि सरकार ने कच्चे तेल और डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को घटा दिया है. इससे पहले 1 नवंबर को विंडफॉल टैक्स की दरों को सरकार ने बढ़ा दिया था. सरकार ने बीते साल जुलाई में पहली बार विंडफॉल टैक्स लगाना शुरू किया था.

भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल गेन टैक्स लगाया था.भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल गेन टैक्स लगाया था.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Nov 16, 2023,
  • Updated Nov 16, 2023, 1:42 PM IST

देश की तेल वितरण कंपनियों का मुनाफा बढ़ने वाला है, दरअसल सरकार ने कच्चे तेल और डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को घटा दिया है. सरकार के इस फैसले से तेल कंपनियों की कमाई में बढ़ोत्तरी होगी. इससे पहले 1 नवंबर को विंडफॉल टैक्स की दरों को सरकार ने बढ़ा दिया था. बता दें कि सरकार प्रत्येक 15 दिनों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को रिव्यू करती है और उसके बाद कीमतों में परिवर्तन करती है. 

कच्चे तेल और डीजल पर विंडफॉल टैक्स घटा

केंद्र सरकार ने आज गुरुवार को कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स यानी अप्रत्याशित कर को 9,800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया है. इसके अलावा डीजल पर विंडफॉल टैक्स को भी 2 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1 रुपये कर दिया है. बता दें कि इससे पहले 1 नवंबर से घरेलू स्तर पर प्रोड्यूस कच्चे तेल पर स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क के रूप में लगाया जाने वाला टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन किया गया था. इसी तरह डीजल के निर्यात पर स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी को 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. 

भारत ने पहली बार कब विंडफॉल टैक्स लगाया था? 

भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल गेन टैक्स लगाया था और यह उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया है जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं. उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था. सरकार हर महीने दो बार तेल की औसत कीमतों की समीक्षा करता है और उसके बाद दरों में बदलाव किया जाता है.

विंडफॉल टैक्स क्या होता है और क्यों लगाया जाता है? 

केंद्र सरकार देश की तेल कंपनियों पर निगरानी रखती है ताकि तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को संतुलन में रखा जा सके. इसीलिए सरकार इन तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स यानी अप्रत्याशित कर लगाती और घटाती रहती है. देश में कच्चे तेल और पेट्रो प्रोडक्ट्स पर विंडफॉल टैक्स सरकार लगाती है. विंडफॉल टैक्स कंपनियों या व्यवसायों पर तब लगाया जाता है जब उस कंपनी को अपने औसत राजस्व से काफी अधिक मात्रा में मुनाफा हो रहा होता है. इस टैक्स के जरिए सरकार तेल कंपनियों को अचानक होने वाले मुनाफे को नियंत्रित करती है ताकि जनता तक पहुंचने वाले पदार्थों की कीमतें संतुलन में बनी रहें. 

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विंडफॉल टैक्स लगाने का नियम 

विंडफॉल टैक्स लगाने के मानक तय हैं. अगर वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स यानी अप्रत्याशित कर लगाया जाता है. इसी तरह अगर प्रोडक्ट मार्जिन 20 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाता है तो डीजल, पेट्रोल और हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स लागू किया जाता है. 
 

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