पूर्वी भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनेगा गयाजी, बिहार सरकार ने शुरू की नई परियोजना

पूर्वी भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनेगा गयाजी, बिहार सरकार ने शुरू की नई परियोजना

बिहार सरकार ने राज्य को आत्मनिर्भर और उद्योगोन्मुखी बनाने की दिशा में एक अहम पहल की है. गयाजी जिले के डोभी प्रखंड में अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) की स्थापना की जा रही है, जो क्षेत्रीय विकास को रफ्तार देने के साथ जिले को औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा.

Bihar Chief Minister Nitish KumarBihar Chief Minister Nitish Kumar
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jul 30, 2025,
  • Updated Jul 30, 2025, 2:39 PM IST

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान की बात जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे केंद्र से लेकर राज्य सरकार की ओर से नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं. वहीं, कृषि प्रधान वाले बिहार में राज्य सरकार और भारत सरकार की संयुक्त पहल के अंतर्गत गयाजी जिले के डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) की स्थापना की जा रही है. यह महत्वाकांक्षी परियोजना अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (AKIC) के अंतर्गत राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास एवं कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) द्वारा संचालित राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का हिस्सा है.

प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में गयाजी होगा विकसित

बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि स्वीकृति में थोड़ी देरी जरूर हुई, लेकिन अब यह परियोजना पूरी गति से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसका परिणाम धरातल पर दिखेगा. इस परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) को दी गई है, जो  राज्य सरकार की एजेंसी(BIADA) और भारत सरकार की इकाई  NICDC  की साझेदारी से गठित एक विशेष प्रयोजन संस्था (SPV) है. यह क्लस्टर राज्य में एक नियोजित और समग्र औद्योगिक ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है. 1339 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले इस औद्योगिक शहर का उद्देश्य गया को पूर्वी भारत के एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

इसमें से 462.14 करोड़ रुपये केवल भूमि अधिग्रहण पर व्यय किया गया है. लगभग 1670 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहे इस क्लस्टर के अंतर्गत अत्याधुनिक अधोसंरचना का निर्माण प्रस्तावित है. इस  परियोजना के अंतर्गत  ई पी सी कार्यों के लिए 675 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की निविदा जारी कर दी गई है. यह निविदा विश्वस्तरीय ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा.

सात सालों में बदल जाएगी गयाजी की तस्वीर

उद्योग मंत्री ने बताया कि EPC कार्यों में आंतरिक सड़कों का निर्माण, जल निकासी प्रणाली, विद्युत सब-स्टेशन, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं, प्रशासनिक एवं कमांड सेंटर और सार्वजनिक एवं अर्ध-सरकारी उपयोग की सुविधाएं शामिल होंगी. यह समस्त कार्य तीन वर्षों की अवधि में पूर्ण किए जाएंगे और इसके उपरांत चार वर्षों तक अनुरक्षण का दायित्व ठेकेदार के पास रहेगा.

इन क्षेत्रों में होगा काम

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर  के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों को औद्योगिक निवेश के लिए प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड परिधान, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स, स्टील आधारित उत्पाद, एयरोस्पेस और डिफेंस, निर्माण सामग्री, फर्नीचर, हस्तशिल्प एवं हथकरघा जैसे क्षेत्र शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, प्रोग्राम मैनेजर फॉर न्यू सिटीज (PMNC) की नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है. यह क्लस्टर न केवल निवेशकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी व्यापक रोजगार अवसर सृजित करेगा.

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