पिछले दिनों कश्मीर के सेब किसानों के लिए उस समय एक राहत भरी खबर आई जब उत्तर रेलवे के जम्मू डिविजन की तरफ से पार्सल ट्रेनों को रवाना किया गया. इस कदम से फल उत्पादकों की बैचैनी को कुछ हद तक कम किया जा सका. अब जो जानकारी जम्मू डिविजन की तरफ से दी गई है, उसके अनुसार सिर्फ 10 दिनों के अंदर देश के बाकी हिस्सों में 6400 टन सेबों को पहुंचाया गया है. इन ट्रेनों को बारामूला रेलवे स्टेशन से पार्सल रेक के साथ रवाना किया गया था.
उत्तर रेलवे की तरफ से 11 सितंबर को सेब से लदी दो पार्सल ट्रेनों को रवाना किया गया था. इनमें से एक रेक जम्मू तो दूसरा आदर्श नगर, दिल्ली के लिए निकला था. हर पार्सल वैन डिब्बे में करीब 23 टन माल (सेब) भरा हुआ था. इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना गया क्योंकि एक पार्सल रेक पहली बार 21 घंटे से भी कम समय में बडगाम रेलवे स्टेशन से आदर्श नगर, दिल्ली पहुंची. वहीं दूसरा 6 घंटे से भी कम समय में जम्मू पहुंच गया.
इसके बाद, 15 सितंबर, 2025 को, उपराज्यपाल ने श्रीनगर से आदर्श नगर, दिल्ली के लिए आठ पार्सल वैन कोच ट्रेन (हर वैन कोच की भार क्षमता 23 टन) को हरी झंडी दिखाई. ये आठ पार्सल वैन ट्रेनें सड़क मार्ग की तुलना में काफी कम समय में अपनी डेस्टिनेशनल दिल्ली पहुंचीं. ग्रेटर कश्मीर ने जम्मू रेलवे डिविजन के सीनियर डिविजनल मैनेजर के हवाले से बताया है कि उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल कश्मीर से दिल्ली तक सेब ले जाने वाली पार्सल ट्रेनों का संचालन अभी जारी रखे है.
उन्होंने कहा कि इसे आगे बढ़ाते हुए कश्मीर के अनंतनाग गुड्स शेड टर्मिनल से बीसीएन कवर्ड वैगन और पार्सल कोच दोनों की सप्लाई के साथ, 6400 टन से अधिक सेब कश्मीर से आदर्श नगर, दिल्ली पहुंचाए गए हैं. सिंघल के अनुसार, हाल ही में कश्मीर में शुरू की गई संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो सेवा (जेपीपी-आरसीएस) पार्सल ट्रेन सेवा ने सेब के ट्रांसपोर्टेशन को और आसान बनाया है.
इस पार्सल ट्रेन का विस्तार बाकी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए करते हुए, अब तक बारी ब्राह्मणा से बडगाम तक 500 टन से ज्यादा सरसों का तेल और बाकी खाद्य सामग्री पहुंचाई जा चुकी है. इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि सड़क का संपर्क कटने के बाद भी जरूरी सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अब रेलवे जल्द ही बारामूला रेलवे स्टेशन टर्मिनल से पार्सल रेक के साथ पार्सल ट्रेन सेवाओं का संचालन भी शुरू करेगा.
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