गोवा के पेरनेम गांव के किसान इन दिनों एक हाथी से बहुत परेशान हैं. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से भटककर आए गजराज ने उनकी फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाया है और खेतों में उत्पात जारी है. अब गोवा की सरकार ने इस हाथी से हुए नुकसान की भरपाई करने की ठानी है. सरकार ने ऐलान किया है कि वह किसानों को मुआवजा देगी. किसान विभाग के अधिकारियों की तरफ से जल्द ही इस दिशा में कुछ काम करने की उम्मीद है.
10 साल का ओंकार महाराष्ट्र के तिलारी क्षेत्र से अपने झुंड से बिछड़ गया था. अब ओंकार ने पिछले दो दिनों में तंबोस, मोपा और तोरसे इलाकों को निशाना बनाया है. ओंकार इन दिनों तम्बोक्सम गांव में है जहां वह केले जैसी कृषि उपज को खा रहा है. साथ ही अब वह धान के खेतों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. स्थानीय किसान आगे के नुकसान से बचने के लिए हाथी को तुरंत गांव से हटाने की मांग कर रहे हैं. किसानों का दावा है कि हाथी कुछ देर के लिए खेतों में दिखाई देता है और फिर गांव के खेतों के आसपास उगी घनी घास में गायब हो जाता है.
राज्य के कृषि निदेशक संदीप फोल्डेसाई ने बताया कि विभाग हाथी की तरफ से हुए फसल नुकसान का आकलन करेगा. उन्होंने कहा, 'हम किसानों को हुए नुकसान के आधार पर मुआवजा देंगे. मुआवजा जल्द से जल्द जारी किया जाएगा.' मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, 'गोवा और महाराष्ट्र के वन विभागों के अधिकारियों को हाथी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.' वहीं वन मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को इस मसले पर कर्नाटक के वन मंत्री से मुलाकात की और समाधान की मांग की.
हाथी ने धान, सुपारी की फसलों, केले के बागानों, नारियल के पेड़ों आदि को निशाना बनाया. बताया जा रहा है कि उसने दिलीप सामंत नामक व्यक्ति के पावर टिलर को भी नुकसान पहुंचाया है. कृषि विभाग ने किसानों को 'किसान सहायता कोष' योजना के तहत आर्थिक मदद देने का भरोसा दिया है. इसमें निरीक्षण के बाद प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये का प्रावधान है. वहीं हाथी की मौजूदगी से डर का माहौल भी बन गया है जिससे किसान अपने खेतों और बगीचों में नहीं जा पा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि ओंकार महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले से आया है और अब उसे उसके मूल स्थान पर वापस भेजने की कोशिशें की जा रही हैं. हालांकि अभी तक के सारे प्रयास नाकाम हुए हैं. अधिकारी पारंपरिक तरीकों से हाथी को भगाने की कोशिश कर रहे हैं. स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि ओंकार को उसके प्राकृतिक आवास तक खदेड़ने के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं. वहीं गांववालों ने मुआवजा मिलने को लेकर आशंका जताई है. स्थानीय किसान और गांव के पूर्व उप-सरपंच मधुसूदन सामंत ने कुमार से कहा है कि वन विभाग को कृषि अधिकारियों को हाथी की तरफ से हुए वास्तविक नुकसान के बारे में बताना चाहिए.
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