Kisan Tak Summit: चर्चा, सम्मान और रोमांचक इनाम, पढ़ें 'आलू अधिवेशन' की 10 बड़ी बातें

Kisan Tak Summit: चर्चा, सम्मान और रोमांचक इनाम, पढ़ें 'आलू अधिवेशन' की 10 बड़ी बातें

Kisan tak summit: 'किसान तक' ने लखनऊ में आलू अधिवेशन आयोजित किया. इसमें किसानों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के जानकार और सीपीआरआई, मेरठ के कई वैज्ञानिक शामिल हुए. आलू की खेती, प्रोसेसिंग औऱ एक्सपोर्ट आदि के बारे में इस समिट में विशेष चर्चा की गई.

aloo adhiveshanaloo adhiveshan
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 30, 2025,
  • Updated May 30, 2025, 6:50 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप (आजतक) के डिजिटल एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म किसान तक ने शुक्रवार को लखनऊ में आलू अधिवेशन आयोजित किया. 30 मई को विश्व आलू दिवस के मौके पर इस अधिवेशन का आयोजन हुआ जिसमें किसानों से लेकर कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल हुए. आलू की खेती, आलू की प्रोसेसिंग, आलू का बिजनेस, आलू का एक्सपोर्ट, आलू का भविष्य, आलू से कमाई और आलू की दशा-दिशा सहित कई मुद्दों पर अधिवेशन में राय रखी गई. इसमें तरह-तरह की बातें भी निकल कर सामने आईं जो किसी भी आम इंसान के लिए रोचक हो सकती हैं. यहां तक कि आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए सूक्ष्म जानकारी हो सकती है. तो आइए हम आपको इन सभी बड़ी बातों को 10 पॉइंट्स में यहां बता रहे हैं. आप उससे खुद ही समझ जाएंगे कि आलू की खेती में इस आलू अधिवेशन का कितना अहम रोल हो सकता है.

1-आलू भंडारण चुनौती लेकिन यूपी सरकार प्रयासरत

किसान तक के आलू अधिवेशन में यूपीसीएआर के महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आलू के भंडारण में बड़ी समस्या है. इस पर हम काम कर रहे हैं और इसमें देखा जा रहा है कि कितने दिन तक आलू की गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं. इस काम पर शोध चल रहा है. जब शोध हो जाएगा तो इससे फायदा होगा. शोध हो जाएगा तो इससे किसानों को फायदा होगा. सरकार की कोशिश है कि आलू को कैसे दुनिया में एक्सपोर्ट किया जाए. आगरा में इसके लिए एक सेंटर खोला जा रहा है जहां आलू के बीज उत्पादन पर काम होगा.

ये भी पढ़ें: आलू अधिवेशन में इन किसानों को मिला नकद पुरस्‍कार, CPRI ने मह‍िला किसानों को किया सम्‍मान‍ित

2- सब्जियों के लिए किसान बनाएं कोल्ड स्टोरेज

अब आलू न तो सड़क पर फिकेगा और न ही एक-दो रुपये किलो बिकेगा. क्योंकि आलू के लिए अब न तो बाजार की कमी है और न ही कोल्ड स्टोरेज की. लेकिन जरूरत इस बात की है कि आलू किसान को समझना होगा कि बाजार की डिमांड क्या है. दूसरा ये कि आज आलू की खेती के साथ तकनीक को भी जोड़ना होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) खेती में दाखि‍ल हो चुकी है. और आलू की कीमत भी तभी मिलेगी जब उसमे क्वालिटी होगी. ये कहना है आलू एक्सपर्ट और साइंटिस्ट का. एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों ने कहा कि किसान भी सब्सिडी लेकर कोल्ड स्टोरेज बना सकते हैं और सब्जियां सुरक्षित रख सकते हैं.

3-आलू उत्पादन में पूरे देश में यूपी है अव्वल

सब्जियों के राजा आलू के उत्पादन के मामले में हम चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. यूपी में आलू का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. आलू की देश ही नहीं विदेशों में भी खूब डिमांड है. आलू की दर्जनों ऐसी वैराइटी हैं जो यूपी समेत दूसरे राज्यों में उत्पादित हो रही है. पुराने तौर-तरीकों को छोड़कर आज आलू में नई से नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही वजह है कि हमारा आलू उत्पादन दो करोड़ टन से बढ़कर छह करोड़ टन पर पहुंच गया है.  

4-फसल चक्र से खत्म होगा आलू का चेचक

आलू में चेचक रोग और झुलसा रोग बड़ी गंभीर समस्या है. यूपी के किसान इससे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं. किसान तक के आलू अधिवेशन में भी इस पर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान आईसीएआर-सीपीआरआई के वैज्ञानिक ध्रुव कुमार ने आलू में लगने वाली बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि इसके चेचक रोग को फसल चक्र अपना कर रोक सकते हैं. इसे किसी भी दवा या केमिकल से नहीं रोका जा सकता है. किसान फसल चक्र अपनाकर और अन्य फसलों की खेती कर ही चेचक रोग को रोक सकते हैं. आलू की खेती में मैंकोजेब की मदद से झुलसा रोग से बचाया जा सकता है.

5-यूपी में आलू किसानों को नुकसान नहीं

आलू के दाम गिरने की समस्या बड़ी है जिससे किसान परेशान रहते हैं. क्या यूपी में ऐसी कोई योजना है जिसके माध्यम से किसानों को राहत दिलाई जा सके? इस बारे में यूपी सरकार के बागवानी विभाग के जॉइंट डायरेक्टर कौशल कुमार नीरज ने कहा कि यूपी में ऐसी कोई समस्या अभी नहीं देखी जा रही है. इसमें कोल्ड स्टोरेज से मदद मिल रही है क्योंकि किसान अपनी उपज को रख सकते हैं और बाद में बेच सकते हैं. आज यूपी में 2230 कोल्ड स्टोरेज हो गए हैं. आज हम बड़ी मात्रा में आलू को भंडारित करने की क्षमता में हैं. कोल्ड स्टोरेज होने से किसान अपनी फसल को डिस्ट्रेस सेलिंग नहीं करते हैं. इसलिए यूपी में रेट का कोई इश्यू नहीं है. अगर रेट गिरता भी है तो फसल हस्तक्षेप योजना है जिसका फायदा किसान उठा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Kisan Tak Summit: आलू उत्पादन और आलू से मुनाफा बढ़ाने को साइंटिस्ट-एक्सपर्ट ने दिए ये टिप्स 

6-सड़ा आलू फेंकें नहीं, बायोइथेनॉल बनाएं

सीपीआरआई, मेरठ की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ बबीता चौधरी ने कहा, आलू का पुराना बीज खेत में लगाएंगे तो उत्पादन में कमी आएगी. अगर उन्नत किस्म लगाएंगे तो अधिक उत्पादन मिलेगा. बायोइथेनॉल भी आलू से बनने लगा है. इसमें ताजा आलू की जरूरत नहीं है. इसमें सड़ा आलू भी यूज होगा. इस दिशा में मेरठ में बड़ा काम हो रहा है. लगभग 36 कंपनियां आई हैं जो आलू से अपने उत्पाद बनाएंगी. इससे यूपी का आलू यहीं खप जाएगा. 1 अरब डॉलर का आलू का फ्रोजन फूड बाहर निर्यात किया गया है. आगे इसके 2.5 अरब डॉलर तक जाने की संभावना है. इसमें यूपी बड़ा रोल निभाएगा.

7- 1000 एकड़ में हाइफन फूड्स की कांट्रेक्ट फार्मिंग

हाइफन फूड्स के चीफ ऑफ सीड्स संदीप कुमार दास ने कहा, हाइफन अहमदाबाद की कंपनी है जिसका शुरू में फोकस फ्रेंच फ्राई पर था लेकिन अब स्टार्च में भी काम कर रहे हैं. अभी हमारा ऑपरेशन अधिकांश गुजरात में चल रहा है. अभी मुख्य काम फ्रेंच फ्राई का है, लेकिन आगे चिप्स में भी बढ़ेंगे. भारत अभी 6 करोड़ टन आलू तैयार करता है, 12 करोड़ टन 2050 तक आलू उत्पादन की उम्मीद है. यूपी में हम एक हजार एकड़ में कांट्रेक्ट फार्मिंग करा रहे हैं. अगर कोई किसान हाइफन फूड्स से जुड़ना चाहता है तो हमारी वेबसाइट पर क्वेरी डालनी होगी. उसके बाद हमारे प्रतिनिधि किसान से मिल कर अपनी बात रख सकेंगे. किसान से ज्यादा हम उनसे जुड़ने के लिए उत्सुक हैं. हम उनसे मिलकर खुद उनके साथ काम शुरू कर देंगे.

8-मल्टीचैंबर कोल्ड स्टोरेज पर मिलेगी सब्सिडी

अधिवेशन में कन्नौज के किसान दिग्विजय कटियार ने पूछा कि यूपी सरकार केवल यूनिट कोल्ड स्टोरेज पर ही क्यों दिया जाता है, बंकर सिस्टम पर क्यों नहीं मिलता. इसके जवाब में राजीव कुमार वर्मा, जॉइंट डायरेक्टर, बागवानी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य मल्टीचैंबर कोल्ड स्टोरेज बनाने का है ताकि उसमें अलग-अलग उत्पाद रख सकें ताकि अलग-अलग चैंबर में अलग-अलग प्रोडक्ट रखें जाएं. सरकार बिल्कुल नहीं चाहती कि किसान बंकर टाइप कोल्ड स्टोरेज बनाएं. बंकर टाइप कोल्ड स्टोरेज उद्योगपति बनाते हैं तो उन्हें क्यों छूट दी जाती है. सरकार आम आदमी को कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए छूट देती है. सरकार का उद्देश्य नई चीजें बनाने पर है. सरकार पहले बंकर टाइप कोल्ड स्टोरेज पर सब्सिडी देती थी, लेकिन अब नए कोल्ड स्टोरेज पर सब्सिडी दे रही है. किसान बनाएं और लाभ उठाएं.

9-आलू को पाले से बचाएगी ड्रिप सिंचाई

गोरखपुर के एक किसान ने पूछा कि पूर्वी यूपी में पाला की मार पड़ती है जिससे आलू नहीं लगा पाते हैं. उत्पादन घट जाता है. इसके जवाब में डॉ कौशल कुमार नीरज ने कहा कि अगर खेत में ड्रिप सिंचाई का उपाय अपनाएं तो पाले से बच सकते हैं. केमिकल से भी बचा सकते हैं, लेकिन उसकी जरूरत नहीं है. सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग करें तो बचत भी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगी. सूक्ष्म सिंचाई अपनाएं तो आलू का उत्पादन कर सकते हैं, सरकार इस पर सब्सिडी भी दे रही है. सीपीआरआई के संजय रावल ने भी आलू की फसल के लिए ड्रिप सिंचाई पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इससे आलू की फसल में क्लॉगिंग हट जाती है, पानी की बचत होती है और आलू का उत्पादन बढ़ता है.

ये भी पढ़ें: आलू का भंडारण सरकार के सामने बड़ी चुनौती, आलू अधिवेशन में बोले उपकार के महानिदेशक

10-15 किसानों को मिला आलू सरताज सम्मान

किसान तक के आलू अधिवेशन में आलू के महारथी सेशन में कुल 15 किसानों को सम्मानित किया गया. इन किसानों ने सवाल-जवाब में हिस्सा लिया जिसके बाद उन्हें सम्मानित किया गया. कुल पांच सेशन में 15 किसानों को सम्मानित किया गया. हर सेशन में एक सवाल पूछा गया था.

पहले सत्र के व‍िजेता - प्रमोद, अभिनीत जैन और नितिन चौधरी

दूसरे सत्र के विजेता - मोहमम्द अशद उस्मानी, डॉ. धीरेंद्र सिंह और आशीष बाजपेई

तीसरे सत्र के विजेता - हिमांशु दीक्षित, निकेश सिंह और अभिषेक कटियार

चौथे सत्र के विजेता - रोशन, फुलजी चौधरी और दिलीप 

पांचवे सत्र के विजेता - विनय नगरकोटी, सिद्धार्थ सहगल और जितेंद्र कुमार मौर्या 

(नोट: विजेताओं के नाम प्रथम, द्वितीय और तृतीय के क्रम में)

आलू अधिवेशन के मुख्य स्पॉन्सर

'आलू अधिवेशन' का आधिकारिक स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश सरकार है जबकि प्रेजेंटिंग पार्टनर यूपीसीएआर, नॉलेज पार्टनर उत्तर प्रदेश सरकार और सीपीआरआई और एसोसिएट पार्टनर हाईफार्म है. 'किसान तक' इंडिया टुडे ग्रुप (आजतक) का डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म है, जो ऑनलाइन पोर्टल के साथ यूट्यूब पर भी प्रसारित होता है.

 

MORE NEWS

Read more!