Ethanol Price: गन्‍ने का FRP 11.5 प्रतिशत बढ़ा, अब इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की उठी मांग

Ethanol Price: गन्‍ने का FRP 11.5 प्रतिशत बढ़ा, अब इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की उठी मांग

Ethanol Price Demand: केंद्र सरकार ने गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, लेकिन इथेनॉल की कीमतें दो साल से नहीं बढ़ाई गई हैं. इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि उत्पादन लागत बढ़ गई है और वर्तमान कीमतें कम हैं.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 23, 2025,
  • Updated May 23, 2025, 12:37 PM IST

केंद्र सरकार ने हाल ही में गन्‍ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 15 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल से 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है और यह दो साल में करीब 11.5 प्रति‍शत तक बढ़ा है. लेकिन अब चीनी उद्योग व्‍यापारी इस आस में हैं कि सरकार गन्‍ने की तरह इथेनॉल की कीमत भी बढ़ाएगी. चीनी उद्योग के एक प्रमुख संगठन इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने इसे लेकर अपना पक्ष रखा है. ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि पिछले दो सालों से इथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव (बढ़ोतरी) नहीं की गई है.

दो साल में 11.5 प्रतिशत बढ़ा गन्ने का FRP

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक बल्लानी ने कि पिछले दो साल में गन्ने के एफआरपी लगभग 11.5 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है. लेकिन, अब फीडस्टॉक की कीमतें बढ़ गई हैं और इथेनॉल की दर जस की तस है. दोनों को ही सरकार रेगुलेट करते है. ऐसे में इथेनॉल की कीमत नहीं बढ़ने से डिस्टिलरी पर काफी असर पड़ा है. बल्‍लानी ने बताया कि सीजन 2022-23 के दौरान गन्ने का FRP 305 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर थी. 

'इथेनॉल की कीमत उत्‍पादन लागत से कम'

वहीं,  बी-हेवी शीरा से बने इथेनॉल की कीमत 60.73 रुपये प्रति लीटर और सी- हैवी शीरा से बने इथेनॉल के लिए 49.41 रुपये प्रति लीटर थी. वहीं, सीजन 2023-24 में एफआरपी बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल, चालू 2024-25 चीनी सीजन के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल और आगामी सीजन के लिए 355 रुपये प्रत‍ि क्विंटल तय किया गया है. उन्‍होंने कहा कि सरकार मक्का से बने इथेनॉल की 72 रुपये प्रति लीटर कीमत तय की है, लेकिन गन्ने से बने इथेनॉल पर सिर्फ 65.61 रुपये प्रति लीटर कीमत दे रही है. यह उत्पादन लागत से बहुत कम है. 

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पहले साथ-साथ बढ़ती थी कीमतें

बल्‍लानी ने कहा कि इथेनॉल की कीमत तय करने की प्रक्रिया में एक बड़ी विसंगति है. पिछले रिकॉर्ड देखें तो जब भी गन्‍ने का एफआरपी बढ़ाया जाता था, तब सरकार इथेनॉल की कीमत भी बढ़ाती थी. यह लगभग पांच साल तक चला, लेकिन पिछले दो साल से इथेनॉल की कीमतें जस की तस हैं. उन्‍होंने कहा कि सरकार ने उद्योग को इथेनॉल के उचित मूल्‍य प्रशासनिक तंत्र का आश्वासन दिया है, इसलिए उद्योग ने लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर करीब 850 करोड़ लीटर की इथेनॉल की व्‍यापक क्षमता विकस‍ित की है. हमें उम्मीद है कि सरकार इथेनॉल की कीमत बढ़ाएगी या उसमें सुधार करेगी.

उद्योग को इतनी कीमतों की थी उम्‍मीद

बल्‍लानी ने आगे कहा कि चीनी उद्योग व्‍यापारी 315 रुपये प्रति क्विंटल के गन्ने के एफआरपी के अनुरूप इथेनॉल पर 71 रुपये प्रति लीटर, बी हैवी शीरा पर लगभग 65 रुपये और सी हैवी शीरा के लिए 61 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर विचार कर रहा था. वहीं, 340 रुपये के एफआरपी के अनुरूप इथेनॉल की कीमत 73.14 रुपये प्रति लीटर, बी हैवी शीरा के लिए 67.70 रुपये और सी हैवी गुड़ के लिए 61.20 रुपये प्रति लीटर कीमत की उम्‍मीद थी. अब गन्‍ने का FRP 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, ऐसे में इथेनॉल की कीमतें अब स्पष्ट रूप से बढ़ेंगी.

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