वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में मंदी का रुख बना हुआ है. विश्लेषकों का अनुमान है कि इसका उत्पादन 8.15 करोड़ टन से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएगा. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, कनाडा, रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान में फसल अधिक होने का अनुमान है. यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय उत्पादक इस महीने से मुख्य रबी अनाज - गेहूं - की बुवाई शुरू करने वाले हैं. धन प्रबंधक भी मंदी की आशंका में हैं, क्योंकि बाजार सहभागियों ने अब तक पूरे साल 2024 और 2025 तक नेट शॉर्ट पोजीशन बनाए रखी है.
अंग्रेजी अखबार 'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिच सॉल्यूशंस की इकाई (रिसर्च एजेंसी बीएमआई) ने कहा कि हम 2025 के लिए अपने गेहूं मूल्य पूर्वानुमान को 5.68 डॉलर प्रति बुशल (₹504 प्रति 27.22 kg) से घटाकर 5.46 डॉलर (485 रुपये) कर रहे हैं, जो सबसे बड़े उत्पादक बाजारों में फसल की बेहतर उम्मीदों से प्रेरित है. आईसीई-सूचीबद्ध सॉफ्ट-रेड विंटर सेकंड-महीना वायदा 22 सितंबर को नवीनतम सत्र में 5.295 डॉलर (470.07 रुपये) पर बंद हुआ, जो साल-दर-साल 11.9 प्रतिशत की कमी के बराबर है और 2025 के पहले समापन मूल्य से 5 प्रतिशत कम है. अगस्त के लिए औसत मासिक मूल्य $5.298 (470.33 रुपये) था, जो जुलाई के औसत मासिक मूल्य से 4.5 प्रतिशत कम है और सितंबर 2024 के बाद से सबसे कम मासिक औसत है.
यूएसडीए (अमेरिकी कृषि विभाग) ने कहा कि 2025-26 में वैश्विक गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 8162 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. ऑस्ट्रेलिया में गेहूं उत्पादन में वृद्धि, अधिक उपज और कटाई के रकबे के कारण हुई है. यूरोपीय संघ (ईयू) का उत्पादन 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो आंशिक रूप से अद्यतन सरकारी आंकड़ों से प्रेरित है. जर्मनी, रोमानिया और बुल्गारिया में अधिक पैदावार का अनुमान है. रूस में शीतकालीन और वसंतकालीन गेहूं, दोनों का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है. इस मौसम में कनाडा, कजाकिस्तान और यूक्रेन में पैदावार अधिक रहने का अनुमान है, जबकि अर्जेंटीना में फसल कम हो सकती है.
बीएमआई ने कहा कि 16 सितंबर के नवीनतम आंकड़े 85,825 की शुद्ध शॉर्ट पोजीशन की ओर इशारा करते हैं, जो 2025 के औसत 87,591 से थोड़ा कम है. हालांकि, यह आंकड़ा कीमतों में नरमी की निरंतर उम्मीदों का संकेत देता है. इस संबंध में, हम इस बात पर जोर देते हैं कि निरंतर शुद्ध शॉर्ट मार्केट पोजीशनिंग से शॉर्ट कवरिंग और अल्पकालिक कीमतों में तेजी का जोखिम बढ़ जाता है. अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) ने कहा कि 2025-26 सीजन (जुलाई-जून) में कुल अनाज उत्पादन 870 लाख टन बढ़कर 24120 लाख टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान है, जिसमें राई को छोड़कर सभी फसलों के लिए वृद्धि होगी.
बीएमआई का कहना है कि खाद्य, चारा और औद्योगिक उपयोगों में वृद्धि सहित, उठाव के भी एक नए रिकॉर्ड पर पहुंचने का अनुमान है, जो 500 लाख टन से बढ़कर 23950 लाख टन हो जाएगा. अनाज का वैश्विक भंडार 170 लाख टन से बढ़कर 6060 लाख टन होने का अनुमान है. अनाज का व्यापार 4380 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो साल-दर-साल 150 लाख टन की वृद्धि है और संभवतः रिकॉर्ड स्तर पर दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है. काला सागर के कृषि बाजारों पर शोध करने वाली फर्म, सोवइकॉन के एंड्री सिजोव ने कहा कि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) और फ्रांसीसी वित्तीय एक्सचेंज, मैटिफ, जो अब यूरोनेक्स्ट का हिस्सा है, पर दिसंबर गेहूं वायदा नए अनुबंधों के निचले स्तर पर आ गया.
बीएमआई ने कहा कि आपूर्ति पक्ष के कारक कीमतों पर पड़ रहे दबाव के मुख्य उत्प्रेरक हैं, जो हमने हाल के महीनों में देखा है और अलग-अलग देशों में बेहतर फसल पूर्वानुमानों से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है. उसने कहा कि उत्पादन बढ़कर 8150 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, लेकिन खपत केवल 8100 लाख टन ही रह सकती है. शोध एजेंसी ने कहा, इससे बाजार में लगातार अधिशेष बना रहेगा, जो सख्त बाजार परिस्थितियों के दौरान देखे गए स्तरों की तुलना में कीमतों में नरमी को दर्शाता करता है.
यूएसडीए ने कहा कि कई देशों में मामूली वृद्धि के कारण वैश्विक गेहूं आयात 2107 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. कुल मिलाकर, प्रचुर वैश्विक निर्यात योग्य आपूर्ति से कम कीमतों वाला माहौल बनने की उम्मीद है, जिससे प्रमुख आयातक देशों में मांग बढ़ने की संभावना है. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ी आपूर्ति से आस-पास के इंडोनेशिया और कई अन्य पूर्वी एशियाई देशों के लिए आयात में वृद्धि हो सकती है.
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