यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. उसी क्रम में एक और किसान ने बैंक के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने बताया कि बैंक से कर्ज लेने के बाद वसूली के नोटिस के चलते मानसिक तनाव में था. कर्ज भरने का कोई साधन भी उपलब्ध नहीं था. इसके चलते सदमे में उसने आत्मघाती कदम उठा लिया. पुलिस ने घटना की पुष्टि की है और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भेज दिया है.
अफसरों का कहना है कि किसान के नाम नोटिस आया था. मृतक भरने में असमर्थ था, जिसके चलते उसने मानसिक तनाव में घटना को अंजाम दे दिया. अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर मिलेगी जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया.
मामला तिंदवारी थाना क्षेत्र का है जहां अमली कौर गांव के मजरा भगदरा डेरा के रहने वाले 50 वर्षीय रामकिशोर घर से बाजार जाने की बात कहकर निकले थे. इसके बाद वे घर नहीं लौटे. उनकी लाश गांव से बाहर बबूल के पेड़ से लटकती मिली है. मृतक के भाई रमेश ने बताया कि वह बाहर मजदूरी करते थे. दशहरे के त्योहार में ही लौटे थे.
मृतक किसान के भाई ने आगे बताया कि पिता ने 2014 में बैंक से 57 हजार रुपये कर्ज लिया था, जिसका ब्याज बढ़कर अब एक लाख 44 हजार हो गया है. अगस्त महीने में बैंक की तरफ से कर्ज भरने का नोटिस आया था. तभी से वह कर्ज भरने के लिए लगातार परेशान रहते थे. गांव में कई लोगों से उधार पैसा भी मांगा, लेकिन कर्ज अदा नहीं हो सका. इसके चलते वह मानसिक तनाव में रहते थे और परेशान होकर सदमे में आत्मघाती कदम उठा लिया.
मृतक रामकिशोर परदेश में नौकरी करने के साथ साथ गांव में बटाई का खेत लेकर खेती किसानी करते थे. फसल कट जाने के बाद बाहर चले जाते थे. वह अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे, एक बेटा और एक बेटी हैं. घर में सबसे बड़े होने के नाते उन्हें पिता द्वारा बैंक से लिए गए कर्ज की चिंता रहती थी. वही बैंक की तरफ से मीडिया को बताया गया कि लोक अदालत में कर्ज से छूट की बात बताने के लिए नोटिस भेजा गया था ताकि वे छूट का फायदा उठा सकें, दबाव जैसी कोई बात नहीं है.
बांदा के डीएसपी राजवीर सिंह ने कहा, थाना तिंदवारी के गांव अमलीकौर में एक व्यक्ति के फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने की सूचना मिली है. सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. परिजनों ने कुछ कर्ज को लेकर आरोप लगाया है जिसके संबंध में परिजनों ने अभी तक कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है. अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है.