केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को पटना में आयोजित कृषि सलाहकार संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार कृषि सलाहकारों की अहमियत को समझती है और उनके सम्मान व हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने याद दिलाया कि एक समय था जब भारत को अमेरिका से लाल गेहूं आयात करना पड़ता था, लेकिन आज देश के गोदाम गेहूं और चावल से भरे हैं और भारत अनाज का निर्यात भी कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि किसानों की मेहनत और कृषि सलाहकारों की भूमिका से ही संभव हो पाई है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर सलाहकार न हों तो अनुसंधान प्रयोगशालाओं में किए गए शोध और खोज किसानों तक नहीं पहुंच पाते. उन्होंने कृषि सलाहकारों को किसानों और विज्ञान के बीच मजबूत कड़ी बताया.
शिवराज सिंह चौहान ने बिहार में दलहन और मक्का उत्पादन की संभावनाओं पर खास जोर दिया. उन्होंने कहा कि दलहन मिशन के जरिए देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और इसमें कृषि सलाहकारों का योगदान अहम होगा. साथ ही उन्होंने हाल ही में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ोतरी की जानकारी भी दी और कहा कि यह किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ शुरू की गई है. इस योजना में उन जिलों को विशेष फोकस में रखा गया है जहां उत्पादकता कम है. इसमें बिहार के कई जिले शामिल हैं. इस योजना में 11 विभाग मिलकर काम करेंगे ताकि किसानों को ज्यादा फायदा मिल सके. कार्यक्रम में चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी की नीति ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और आज देश अपनी शर्तों पर आगे बढ़ रहा है. बिहार के किसानों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य कई फसलों में आगे है और आने वाले समय में कृषि ही भारत की समृद्धि का सबसे बड़ा आधार बनेगी. इस मौके पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, बड़ी संख्या में किसान, वैज्ञानिक और कृषि सलाहकार मौजूद थे.