लंबे समय तक खाद्य वस्तुओं, फलों-सब्जियों और अनाज को पोषकता के साथ पहले की तरह समान बनाए रखने के लिए फूड टेक्नोलॉजी या फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी मैनेजमेंट जैसे कई कोर्स शुरू हुए हैं. आमतौर पर खेत से या बाग से निकलने के बाद फल या सब्जी एंड यूजर यानी उपभोक्ता तक पहुंचने में कई दिन का समय लग जाता है. निर्यात के मामले में यह अंतराल काफी लंबा खिंच जाता है. ऐसे में खाद्य वस्तुओं को पहले की तरह स्वाद, रंग और पोषकता में समान बनाए रखने के लिए फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत है. बीते कुछ वर्षों के दौरान तेजी से इस ओर बेहतरीन करियर के रास्ते खुले हैं. कई एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) में इस तरह के कोर्स करा रही हैं. खास बात ये है कि इन कोर्सेस की फीस ज्यादा नहीं है, जबकि इंडस्ट्री में ऐसे प्रोफेशनल्स का पैकेज बेहतरीन है.
भारत के कृषि निर्यात समेत खाद्य वस्तुओं के निर्यात में आई तेजी ने ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ा दी है, जो खाद्य वस्तुओं को तकनीकी के जरिए लंबे समय तक पोषक युक्त बनाए रख सकें. ऐसे में फूड टेक्नोलॉजी या फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी मैनेजमेंट कोर्स से पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए इंडस्ट्री में बेहतरीन करियर ऑप्शन हैं. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री में हॉर्टीकल्चर कॉलेज के डीन डॉक्टर मनीष कुमार ने बताया कि उनके यहां बीटेक-फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कराई जा रही है.
डीन मनीष कुमार के अनुसार एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी में नॉर्मल सीट्स और सेल्फ फाइनेंस सीट्स होती हैं. नॉर्मल सीट्स में ग्रेजुएशन की सालाना फीस 50-60 हजार रुपये सालाना है. जबकि, सेल्फ फाइनेंस सीट्स के लिए सालाना फीस 1.40 हजार के लगभग होती है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू (IGNOU) घर बैठे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी मैनेजमेंट (PGDFSQM) कोर्स संचालित कर रही है. इग्नू और एपीडा यानी एग्रीकल्चर एंड प्रॉसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी ने मिलकर इस कार्यक्रम को शुरू किया है और भारत में यह अपनी तरह का पहला कोर्स भी है. इसके कोर्स को शुरू करने का उद्देश्य कृषि और खाद्य क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन पेशेवरों के लिए बढ़ती मानव संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करना है.
उभरता हुआ क्षेत्र होने के चलते फूड टेक्नोलॉजी, फूड सेफ्टी और प्रॉसेसिंग की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं.