देश में दूध की मशहूर कंपनी अमूल के बारे में आप सब अच्छी तरह से जानते होंगे. अमूल देश की सबसे बड़ी कॉपरेटिव मिल्क कंपनी है. बाजार में 50-70 फीसदी दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में इसका योगदान है. आपको बता दें कि गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) जो लोकप्रिय अमूल ब्रांड का विपणन करता है. MD जयन मेहता ने FE को बताया कि GCMMF अगले दो-तीन सालों में दुग्ध और खाद्य प्रसंस्करण में ₹10,000 करोड़ का निवेश करेगा. GCMMF ने साल 2023 में 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ का पिछले दो सालों में ये दूसरा सबसे बड़ा निवेश होगा. जिसका उद्देश्य डेयरी, आइसक्रीम और खाद्य उत्पादों में क्षमता विस्तार के लिए 10-12 नए प्लांट स्थापित करना है. इसकी घोषणा गुरुवार को दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2025 शिखर सम्मेलन में की जाएगी. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ब्रांड अमूल ने अगले कुछ सालों में 1 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है.
01 लाख करोड़ के बिजनेस का टारगेट रखने वाली अमूल कंपनी के वर्तमान में देश भर में लगभग 118 प्लांट हैं. कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में ₹90,000 करोड़ का कारोबार दर्ज किया है. आपको बता दें कि पाउच वाले दूध और दूध से बने उत्पादों के बाजार में जीसीएमएमएफ की 50-70 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2025 के अंत में इसने ₹90,000 करोड़ का कारोबार किया और सभी श्रेणियों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की थी.
केयरएज रेटिंग्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाउच वाले दूध और दूध उत्पादों में 50-70 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है. हाल के वर्षों में, सहकारी समिति ने जैविक दाल, गेहूं का आटा, बासमती चावल, मसाले आदि के क्षेत्र में भी विविधता लाई है. जिसका लक्ष्य खुद को एक व्यापक खाद्य और पेय कंपनी के रूप में स्थापित करना है.
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जयेन मेहता ने बताया कि हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती के बाद घटी हुई कीमतें अगले कुछ हफ्तों में दुकानों में दिखाई देने लगेंगी. शनिवार को GCMMF ने घी, मक्खन, आइसक्रीम, बेकरी, फ्रोजन स्नैक्स, यूएचटी दूध, पनीर और चॉकलेट सहित 700 से ज्यादा उत्पादों के पैक की कीमतों में कमी की घोषणा की इन सभी पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगी. कीमतों में कमी के कारण उत्पादों की मांग बढ़ने का अनुमान है.
मेहता ने कहा कि पिछले दो साल क्षमता बढ़ाने में लगे हैं. घी, पनीर, दही, आइसक्रीम, प्रोटीन और जैविक खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों में इससे हमें खाद्य और पेय पदार्थों में जीएसटी दरों के व्यस्थित करने के साथ संभावित मांग में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहने में मदद मिली है. नया निवेश हमें क्षमता बढ़ाने में और मदद करेगा.
36 लाख किसानों के स्वामित्व वाली GCMMF ने वित्त वर्ष 2025 में साल-दर-साल 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ₹65,911 करोड़ का टर्नओवर किया जो विभिन्न श्रेणियों में बिक्री में वृद्धि के कारण संभव हुआ. विशेषज्ञों ने बताया कि GCMMF का कारोबार अमूल से कम प्रतीत होता है क्योंकि वलसाड, राजकोट, गोधरा, सूरत, वडोदरा और आणंद की डेयरियां अमूल ब्रांड के तहत स्वतंत्र रूप से दूध और दूध उत्पाद बेचती हैं. और ये टर्नओवर GCMMF के एकसाथ जोड़े गए आंकड़ों में दर्ज नहीं है.