परंडा तहसील के शिरसाल गांव में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी नुकसान किया है. पूरा गांव पानी में डूब गया है. इस बाढ़ में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, कई जानवर मर गए हैं और लोगों के घर भी पानी में बह गए हैं. गांव के लोग बहुत परेशान हैं और सरकार से तुरंत मदद की मांग कर रहे हैं.
शिरसाल गांव के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं. बाढ़ ने उनकी पूरी मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है. कई किसानों की साल भर की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. साथ ही, पशुओं की मौत से उन्हें और भी बड़ा नुकसान हुआ है. अब उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है.
आज विपक्ष के नेता अंबादास दानवे शिरसाल गांव पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों से गांव के कई परिवारों को कोई राहत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ NDRF और सेना की टीम भेजने की बात कर रही है, लेकिन ज़रूरत के अनुसार राहत काम नहीं हो पा रहा है.
दानवे ने जानकारी दी कि राहत कार्य के दौरान NDRF की एक नाव भी खराब हो गई, जिससे बचाव में देरी हुई. उन्होंने सरकार से मांग की कि राहत कार्य में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए. साथ ही, उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री भेजी जानी चाहिए थी, जिससे लोगों को जल्द मदद मिल पाती. लेकिन अब राहत सामग्री पहुंचने में कई दिन लग रहे हैं, जो कि 4 घंटे में भी किया जा सकता था.
अंबादास दानवे ने मांग की कि सरकार तुरंत प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दे. उन्होंने यह भी कहा कि शिरसाल गांव और आसपास के क्षेत्रों को “बाढ़ प्रभावित सूखा क्षेत्र” घोषित किया जाए, ताकि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द मिल सके.
शिरसाल गांव के लोग इस समय बहुत मुश्किल में हैं. बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना जरूरी है. पीने का पानी, खाना, दवाइयां और रहने की व्यवस्था भी तुरंत की जानी चाहिए. अगर सरकार ने जल्दी कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है.
शिरसाल गांव में आई बाढ़ ने लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है. सरकार को तुरंत राहत पहुंचानी चाहिए और प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद देनी चाहिए. इस संकट की घड़ी में गांव के लोगों को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता. (गणेश सुभाष जाधव का इनपुट)
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