उत्तर प्रदेश सरकार ने धान की खरीद को लेकर पिछले दिनों बड़ा ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले से मान जा रहा है कि लाखों धान किसानों को राहत मिलने वाली है. खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 1 अक्टूबर 2025 से शुरू हो जाएगी. वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया 1 नवंबर 2025 से शुरू की जाएगी. किसानों के लिए यह व्यवस्था पश्चिमी यूपी में 31 जनवरी 2026 और पूर्वी यूपी में 28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगी. एक रिपोर्ट की मानें तो अब तक 10 हजार से ज्यादा किसानों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा डाला है.
इस बार सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है. सामान्य धान के लिए 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया गया है. यह पिछले साल की तुलना में करीब तीन फीसदी ज्यादा है. इससे किसानों की आय बढ़ने में मदद मिलेगी. जो किसान धान बेचना चाहते हैं, उन्हें किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 1 सितंबर से शुरू हो चुकी है. खाद्य एवं रसद विभाग ने साफ किया है कि सिर्फ रजिस्टर्ड किसान ही अपनी फसल सरकारी खरीद केंद्रों पर बेच पाएंगे. सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा.
सरकार ने इसके लिए पेमेंट का प्रॉसेस भी पूरी तरह से पारदर्शी रखी है. किसानों को उनकी फसल का मूल्य सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजा जाएगा. खाद्य एवं रसद विभाग ने बताया कि इस बार खरीद केंद्रों पर ई-पॉप (Electronic Point of Purchase) डिवाइस का प्रयोग होगा. इसके जरिए किसानों का बायोमेट्रिक वैरीफिकेशन होगा. इसका मकसद किसानों को धोखाधड़ी की कोई संभावना न रहे.
इसके अलावा अगर किसानों को धान खरीद प्रॉसेस में किसी तरह की समस्या आती तो वे विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-180-0150 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, जिला खाद्य अधिकारी, तहसील क्षेत्रीय अधिकारी और ब्लॉक मार्केटिंग निरीक्षक भी किसानों की मदद के लिए मौजूद रहेंगे.
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